मध्य प्रदेश: चुनाव के दौरान राजनीतिक दल हमेशा महंगाई कम करने और आम लोगों को राहत पहुंचाने के दावे करते हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और ही रहती है. इस बार भी महंगाई की मार ने आम लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है. वहीं 1 अप्रैल से लोगों को महंगी वस्तुएं खरीदना पड़ेगी. दरअसल पेट्रोल और डीजल की हर रोज बढ़ रही  कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो गया है जिसके चलते महंगाई तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा एक अप्रैल से रियल स्टेट में भी उछाल आने की संभावना है. 1 अप्रैल से रजिस्ट्री को लेकर नई गाइडलाइन जारी होने जा रही है.  चलिए यहां जानते हैं 1 अप्रैल से कहां करना पड़ेगी ज्यादा जेब ढीली

 

भूखंड और भवनों की गाइडलाइन बढ़ेगी

मध्यप्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर सहित सभी संभागीय मुख्यालयों और जिलों में 1 अप्रैल से भवन और भूखंडों की नई गाइडलाइन लागू होने वाली है. 1 अप्रैल से भूखंड और भवन का पंजीयन कराने पर अधिक राशि देनी पड़ेगी. मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में गाइडलाइन बढ़ा दी गई है. इसका अमलीजामा 1 अप्रैल से पहनाया जाएगा. पंजीयन शुल्क बढ़ने के साथ ही प्रॉपर्टी के दाम भी एक अप्रैल से बढ़ जाएंगे. इसके अलावा बिल्डिंग मटेरियल के दाम भी 1 अप्रैल से बढ़ जाएंगे.

 

दवाओं पर भी पड़ेगा महंगाई का असर

मेडिकल व्यवसाई सुनील दास के मुताबिक 1 अप्रैल से कुछ दवाएं भी महंगी हो रही है. इसके पीछे राॅ मटेरियल के दाम बढ़ना और ट्रांसपोर्टेशन का महंगा होना प्रमुख वजह है. व्यापारी दास के मुताबिक 1 अप्रैल से दवाओं की कीमत में 1 से लेकर 5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है.

 

किराना और रोजमर्रा की वस्तुओं पर भी असर

किराना व्यापारी सुनील अग्रवाल के मुताबिक थोक बाजार में भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है. माल भाड़ा बढ़ने की वजह से कुछ जरूरी सामान पर एमआरपी भी बढ़ गई है. 1 अप्रैल से किराने की वस्तुओं में भी कुछ बढ़ोतरी हो रही है, इनमें खाद्य सामग्री और विशेष रूप से कॉस्मेटिक की वस्तुएं शामिल है. हालांकि व्यापारी इस बात की जानकारी नहीं दे पा रहे हैं कि कितने प्रतिशत दरें बढ़ने वाली है.

ये भी पढ़ें