भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार अब अशिक्षितों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने पर फोकस कर रही है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में वर्ष 2030 तक युवा एवं प्रौढ़ साक्षरता दर को 100 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने में संस्थागत व व्यक्तिगत और सामाजिक संगठन से जुड़े सभी व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेंगी.
15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अशिक्षितों के लिए चलाया जा रहा अभियान
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने मध्यप्रदेश में संचालित ‘‘पढ़ना-लिखना अभियान’’ और अप्रैल 2022 से प्रारम्भ होने वाले 'नवभारत साक्षरता कार्यक्रम' के संचालन के लिए प्रौढ़ शिक्षा मोबाइल एप का शुभारंभ किया. इस दौरान परमार ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अशिक्षितों की निरक्षरता उन्मूलन के लिए "साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है.
"नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” अप्रैल 2022 से 2027 तक संचालित होगा
राज्यमंत्री परमार ने बताया कि भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा असाक्षरों को साक्षर करने हेतु मार्च 2022 तक पढ़ना-लिखना अभियान संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. और इसके पश्चात् यह कार्यक्रम "नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के नाम से अप्रैल 2022 से 2027 तक संचालित होगा. परमार ने दूरदराज के अक्षर साथियों से इस अभियान से जुड़ने और पंजीयन कराने की अपील की. उन्होंने कहा कि समाज में सभी लोगों को साक्षर बनाने के सरकार के अभियान में जुड़कर नए आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में सहयोग दे. आपके सहयोग पर ही इस अभियान की सफलता निर्भर करती है.
ऐप से मिलेगी ये सुविधाएं
वहीं संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि ऐप के माध्यम से न केवल असाक्षरों का चिन्हांकन, सत्यापन और बुनियादी साक्षरता कक्षाओं का संचालन हो सकेगा, वहीं अक्षर साथियों के पठन-पाठन कराने वाले स्वयंसेवक को पठन-पाठन सामग्री मार्गदर्शिका उपलब्ध हो सकेगी. इसके अतिरिक्त असाक्षरों के मूल्यांकन परीक्षा प्रबंधन आदि कार्य भी हो सकेंगे. यह ऐप 'पढ़ना-लिखना अभियान' के अंतर्गत एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया है. राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के सहयोग से बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा आयोजित कर सफल नवसाक्षरों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जाएगें. इसके साथ ही अक्षर साथियों को समय-समय पर उत्तम योगदान के लिए पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाएगे. इस अवसर पर राज्य मंत्री परमार को धनराजू ने ड्रॉपआउट बच्चों के पाठशाला प्रवेश की सफलता की कहानियों पर आधारित "शाला का द्वार" पुस्तक भेंट की.
युवाओं को प्रेरित करने के लिए "अक्षर साथी" करेंगे सहयोग
प्रदेश में साक्षरता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के अलिराजपुर, बड़वानी एवं झाबुआ जिलों में सघन अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संगठनों संस्थाओं और इच्छुक व्यक्तियों जैसे- स्थानीय शिक्षक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी स्थानीय शिक्षित व्यक्ति एन. सी.सी. एन.एस.एस. स्काऊट गाइड एवं शिक्षा महाविद्यालयों के प्रशिक्षणार्थी आदि का सहयोग लिया जाएगा.इन्हें "अक्षर साथी" कहा जाएगा.
इस अवसर पर उप सचिव प्रमोद सिंह, सहायक संचालक रमाकांत तिवारी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे. सभी जिलों से जिला शिक्षा अधिकारी, प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी, बीआरसी और शालाओं के प्राचार्य कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े थे.
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