MP News: सुप्रीम कोर्ट से आश्वासन मिलने पर महापौर चुनाव से जुड़ी याचिका ली गई वापस, जानें क्या है मामला
Mayor Election: महापौर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें याचिकाकर्ता ने महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप में कराने की मांग रखी थी.
Madhya Pradesh Mayor Election: मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के कानूनी दांव पेंच में फंसने के बाद अब भविष्य में होने वाले महापौर के निर्वाचन में भी राज्य सरकार के एक फैसले से उलझन खड़ी हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता की इस संबंध में दायर रिस्टोरेशन पेटीशन इस लिबर्टी के साथ वापस लेने की अनुमति दे दी है कि यदि सरकार महापौरों का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं करवाती है तो उसे पुनः याचिका दायर करने का अधिकार होगा.
महापौर के चुनाव से जुड़ी याचिका
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डॉ पी जी पांडे के मुताबिक उनके द्वारा महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने संबंधी रिस्टोरेशन याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली गई है. पूर्व में जबलपुर के सामाजिक संगठन नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पांडे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. यह याचिका कांग्रेस सरकार के उस फैसले के विरोध में थी जिसमें महापौर का चयन अप्रत्यक्ष (पार्षदों द्वारा) तरीके से करने का निर्णय लिया गया था. याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह याचिका निराकृत कर दी गई थी. जिसकी मूल वजह मौजूदा बीजेपी सरकार द्वारा कांग्रेस सरकार के आदेश के उलट महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय ले लिया गया था.
पलटा अपना फैसला
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा 26 फरवरी 2021 को एक अध्यादेश जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से किया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. इस बीच फिर प्रदेश सरकार ने फिर पलटी मारते हुए पुनः कांग्रेस शासन द्वारा लिए गए निर्णय को ही लागू किए जाने के आदेश दे दिए. जिसके खिलाफ रिस्टोरेशन याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
सुप्रीम कोर्ट का आश्वासन
दरअसल सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम नागेश्वर राव की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देशित किया है कि अगर मध्य प्रदेश सरकार 26 फरवरी 2021 के अध्यादेश के मुताबिक महापौर चुनाव नहीं कराती है तो नई याचिका प्रस्तुत की जा सकती है. इस स्वतंत्रता के साथ याचिकाकर्ता रिस्टोरेशन याचिका वापस लेते हुए अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहा है. गौरतलब है कि 26 फरवरी 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने असाधारण राजपत्र में महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष यानि सीधे जनता के द्वारा चुने जाने का निर्णय लेते हुए नियम बनाया था. बावजूद इसके सरकार ने अचानक अपने फैसले को बदल लिया जिसे अब न्यायालय में चुनौती दी जा रही है.
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