मध्य प्रदेश सरकार ने अपने सीनियर पायलट माजिद अख्तर को ग्वालियर एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट की क्रैश लैंडिंग करने के मामले में सस्पेंड कर दिया है. सरकार ने इसे ‘सीरियस नेगलीजेंस’ का केस बताते हुए सीनियर पायलट माजिद अख्तर को निलंबित किया और ये कहा कि उनकी लापरवाही की वजह से सरकारी संपत्ति को इस कदर नुकसान हुआ है.


आपकी जानकारी के लिए बता दें ये दुर्घटना इस साल 6 मई के दिन हुई थी जब माजिद सात सीटर बीचक्राफ्ट किंग एयर बी-200जीटी वीटी एमपीक्यू उड़ा रहे थे. इसमें रेमेडिसविर इंजेक्शंस की खेप थी.


एमपी एविएशन डिपार्टमेंट ने किया पायलट को निलंबित –


ये सस्पेंशन ऑर्डर एमपी एविएशन डिपार्टमेंट ने जारी किया है. इस बारे में एमपी एविएशन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी एम सेलवेंद्रन ने कहा कि, ‘कैप्टन माजिद अख्तर की ओर से गंभीर लापरवाही के परिणामस्वरूप विमान को नुकसान हुआ और सरकार को नुकसान हुआ’. मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल अमेरिकी कंपनी 'टेक्सट्रॉन एविएशन' से सात सीटों वाला बीचक्राफ्ट किंग एयर बी-200जीटी वीटी एमपीक्यू विमान 65 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदा था.


क्या कहा गया है आदेश में –


निलंबित पायलट माजिद अख्तर के सस्पेंशन में आगे कहा गया है कि, अख्तर को पूर्व अनुमति के बिना भोपाल मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं थी और उन्हें सिविल सेवा नियमों की संबंधित धाराओं के तहत निलंबित कर दिया गया था.


इससे पहले, अगस्त में, डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने क्रैश लैंडिंग के संबंध में अख्तर के फ्लाइंग लाइसेंस को एक वर्ष की अवधि के लिए निलंबित कर दिया था. यह विमान कोविड पेशेंट्स के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीवायरल दवा, रेमेडिसविर की आपूर्ति का काम कर रहा था.


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