MP Night Culture News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और कहा है कि अब मध्य प्रदेश के जो बड़े शहर हैं वहां पर नाइट कल्चर लागू किया जाएगा. नाइट कल्चर अंग्रेजी का शब्द है और इसका मतलब है रात की संस्कृति. रात की संस्कृति यानी की देर रात तक बाजार खुले रहते हैं और वहां पर लोग खरीदारी करते हैं, खाते-पीते आनंद उठाते हैं और इससे उस शहर की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है.


यह उस तरह के लोग होते हैं जो ज्यादातर नाइट शिफ्ट में काम करते हैं और रात को घर से बाहर रहकर नौकरी पर जाते हैं. ऐसे लोगों के लिए रेस्टोरेंट और शॉपिंग की दुकाने खुली होती है ताकि कुछ समय में बाहर बाजार में बिता सके और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. ज्यादातर विदेश में इसका चलन देखने को मिलता है. हालांकि अब देश के कई बड़े शहरों में भी नाइट कल्चर लागू हो गया है.


श्रम विभाग से जारी हो चुकी है अधिसूचना
इंदौर में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. हालांकि इसकी अब औपचारिकता करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने एक अधिसूचना तैयार की है जो सरकार के जरिए जारी की जाना है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की अनुमति मिल चुकी है और बहुत जल्द ही बड़े शहरों में से लागू कर दिया जाएगा. कुछ लोग इसके पक्ष में है तो कुछ विपक्ष में है. जो पक्ष में हैं उनका कहना है कि नाइट कल्चर लागू होने से इंदौर विकास करेगा.


विजयनगर निवासी और व्यवसायी रमेश साहू कहते हैं कि इंदौर की ग्रोथ होगी और आने वाले समय में आर्थिक तौर पर शहर मजबूत रहेगा क्योंकि रात में भी व्यापार कर सकेंगे और बाहर से इंदौर आने वाले लोगों के लिए रात में दुकान खुली रहेगी ताकि वह जरूरत का सामान खरीद सकें और अगर कुछ व्यंजन का स्वाद चखना है तो वह भी चख सकें.


व्यवसायी अच्छा मानते हैं नाइट कल्चर
बॉम्बे हॉस्पिटल के पास रहने वाले हरीश गुप्ता का कहना है कि का कहना है कि हमारे यहां पर नाइट कल्चर पहले से ही लागू था और इसका उदाहरण इंदौर का सराफा बाजार है. इंदौर के सराफा बाजार में बीते कई सालों से यह प्रचलन रहा है कि यहां खाने-पीने की दुकान रात 2:00 बजे तक चालू रहती है. हालांकि बीच में इन दुकानों को 12 या 1 बजे बंद करने की बात कही गई लेकिन उसका विरोध हुआ और यह कहा गया कि यह संस्कृति का एक हिस्सा है और उसको अगर बंद किया गया तो उसके नुकसान भी उठाने पड़ेंगे.


नाइट कल्चर का विरोध करने वालों का यह है तर्क
हालांकि कुछ प्रयोग यहां पर किए भी गए लेकिन उसका विरोध भी देखने को मिला. निपानिया निवासी राजेश सहाय देर रात तक बार खुले रहते हैं और यहां पर शराब पीकर नशे में जमकर हुड़दंग होता है जिस पर पुलिस कोई लगाम नहीं लग पा रही है. डीबी सिटी के आकाश शर्मा ने कहा कि जो युवक और युवतियां इंदौर आकर रहते हैं और जिनके माता-पिता इंदौर से बाहर हैं या ऐसे लोग जो यहां हॉस्टल में रहते हैं वह ज्यादातर रात में घुमक्कड़ होते हैं और शराब के नशे में घूम कर हंगामा मचाते हैं. इस तरह से नाइट कल्चर के नाम पर इंदौर में अश्लीलता और नशा परोसा जा रहा है.


नाइट कल्चर के विरोध में धीरेंद्र शास्त्री
इस मामले में बीते दिनों बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री से लोगों ने शिकायत की थी. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से निवेदन भी किया था कि इंदौर में नाइट कल्चर को बंद कर दिया जाए हालांकि उसे समय कैलाश विजयवर्गीय ने गर्दन हिला कर हामी भर दी थी लेकिन जिस तरह से अब मध्य प्रदेश सरकार का फैसला आया है उसे ऐसा लगता नहीं है कि इंदौर में नाइट कल्चर बंद होगा.


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