Bhopal News:  मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों की 21 दिसंबर से सबसे बड़ी हड़ताल होने जा रही है. यदि ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश में 21 दिसंबर से मरीजों को इलाज नहीं मिल सकेगा. प्रदेश के एक लाख 20 हजार संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. दरअसल, मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग सहित चिकित्सा शिक्षा और आयुष की तीन विधाओं की अलग-अलग संस्थाओं ने मध्य प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी 41 सूत्रीय मांग रखी हैं. इन मांगों को पूरा कराने के लिए बीते कई दिनों से संविदाकर्मी आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने मध्य प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि आंदोलन के अगले चरण में अब संविदाकर्मी 21 दिसंबर से पूरी तरह काम बंद कर हड़ताल करेंगे. 


52 हजार कर्मचारी जुटेंगे प्रदेश में
आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के महासंघ की रविवार को प्रदेश के सभी जिलों में एक बैठक का आयोजन किया गया. इन बैठकों में तय किया गया है कि 20 दिसंबर को मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले से एक-एक हजार कर्मचारी राजधानी में जुटेंगे और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे. यदि प्रदेश के सभी जिलों से एक-एक हजार कर्मचारी आते हैं तो इनकी संख्या 52 हजार हो जाएगी. 


शासन की रहेगी जिम्मेदारी
आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव का कहना है कि हम सीएम से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी, तो 21 दिसंबर से काम बंद हड़ताल करेंगे. हड़ताल पर जाने से यदि प्रदेश के मरीजों को कोई परेशानी होती है तो इसकी जिम्मेदारी शासन की रहेगी.


स्वास्थ्य कर्मियों की यह मांगें
आंदोलन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों की जो मांगे उसमें विभागों में सीधी भर्ती से पद पूर्ति की जाए. आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति में कार्यरत कर्मचारियों को रिक्त पदों पर समायोजित करें पुरानी पेंशन बहाल की जाए. नर्सिंग ऑफिसर को ग्रेड टू वेतनमान दिया जाए चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए. तमाम मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग ऑफिसर को तीन और चार वेतन वृद्धि दी जाए. सीधी भर्ती में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि में 70-80-90 प्रतिशत वेतन की व्यवस्था समाप्त की जाए. नर्सेस और पैरा मेडिकल स्टाफ को रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाए. संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित किया जाए.


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