MP News: मध्य प्रदेश में बीते 3 दिनों के अंदर भारी बारिश का दौर जारी था. जिसके बाद प्रदेश के कई जिले बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. यही हाल बीना और उसके आसपास के इलाकों का भी है. बेतवा नदी में बाढ़ आ जाने के कारण आस पास के सटे ग्रामीण अंचलों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. जानकारी के अनुसार 30-40 वर्षों में ग्रामीणों ने इतनी भीषण बारिश नहीं देखी थी. इस बारिश के बाद जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लगभग 25 सौ से अधिक लोग ऐसे हैं जो बेतवा नदी से सटे ग्राम हासिलखेड़ी और ढिमरोली में फंसे हुए थे. जिनको रेस्क्यू करके निकला गया. दोनों ही गांव टापू में तब्दील है.
प्रशासन कर रहा लगातार सहयोग
बता दें कि इन गांवों में कुछ घरों की स्थिति यह है कि पानी में डूबने के बाद केवल उनकी छत का कुछ हिस्सा ही दिखाई दे रहा है. प्रशासन के द्वारा लगातार सहायता किया जा रहा है. लोगों ने एक दूसरे के घरों में शरण ली है. गांवों में जिनके कच्चे मकान थे वह पूरी तरह से डूब चुके हैं और टूट चुके हैं. ऐसे परिवारों का रेस्क्यू कर शासकीय स्कूल पंचायत भवन,आंगनवाड़ी भवन और सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया जा रहा है. गांव के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. हासिल खेड़ी के निकट स्थित पठार पर एक परिवार और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं जिनको निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
टूटा है 50 सालों का रिकॉर्ड
बेतवा नदी ने बीते 50 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जिसके कारण आसपास के ग्रामीणों के जीवन पर संकट बना हुआ है. वहीं भोपाल गुना राष्ट्रीय राजमार्ग जिसका नाम आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग है. गुना जिलें मे बाढ़ आने पर इस राजमार्ग पर पार्वती नदी निकलती है. जिसके कारण राधौगढ़ के पास बने पुल पर पानी आ जाता है. जिसको ध्यान में रखते हुए गुना जिला प्रशासन ने नित्यखेडी टोल टैक्स पर यातायात को रोक दिया था. यह जाम चार से पांच घंटे तक लगा रहा, जिससे दस किलोमीटर तक वाहनों की लम्बी लम्बी लाइन लग गई. जिनमें घंटो तक यात्री और वाहक संचालक परेशान होते रहे. बाढ़ के कारण पार्वती नदी पर बने पुल पर पुलिस ने यातायात को रोक दिया गया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब तक पुल पर पानी कम नहीं हो जाता तब तक यह कदम उठाया था अब यातायात शुरु हो गए है.