Raja Pateria Bail Plea News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बेहद तीखी टिप्पणी के साथ कांग्रेस नेता राजा पटेरिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. जस्टिस संजय द्विवेदी ने अपने फैसले में कहा कि आज कल ये फैशन बन गया है. कोई भी नेता लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के बयान दे रहा है. इस बात की परवाह किए बगैर कि इसका अंजाम क्या होगा. अगर इस मामले में जमानत का लाभ दिया गया, तो समाज में गलत संदेश जाएगा.


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने आदेश में राजा पटेरिया को इतनी राहत जरूर दी है कि वे 30 दिन बाद किसी सक्षम न्यायालय में जमानत आवेदन फिर से लगा सकते है. यहां बता दे कि कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया के खिलाफ 13 दिसम्बर 2022 को पन्ना जिले के पवई थाना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 451, 504, 505(1)(बी), 505(1)(सी), 506, 153-बी(1)(सी), 115, 117 के तहत अपराध दर्ज किया गया था.


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दरअसल, दिसंबर माह में मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर हत्या के लिए उकसाने वाला एक वीडियो वायरल होने से सियासी बवाल मच गया था. इस वीडियो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजा पटेरिया कहते हुए दिख रहे थे कि संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो. वीडियो वायरल होते ही बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए थे. इसके तुरंत बाद राजा पटेरिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.


जानें, क्या कहा था पटेरिया ने?


मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजा पटेरिया (Raja Pateria) एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर यह कहते हुए सुने गए थे कि "पीएम मोदी इलेक्शन खत्म कर देगा. लोगों को धर्म, जाति और भाषा के नाम पर बांटेंगे. अल्पसंख्यकों और आदिवासियों का भविष्य संकट में है. अगर आप संविधान को बचाना चाहते हैं तो मोदी की 'हत्या' के लिए तैयार रहें.''. हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान का मतलब पीएम मोदी (PM Modi) चुनाव में  हराकर उनकी राजनैतिक हत्या को लेकर था. उन्होंने खुद को महात्मा गांधी की अहिंसा की विचारधारा का पालन करने वाला नेता बताया था.


कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा


अभियोजन पक्ष द्वारा आवेदक के खिलाफ यह आरोप लगाया गया है कि कांग्रेसियों की बैठक में आवेदक राजा पटेरिया ने प्रधान मंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. जस्टिस संजय द्विवेदी ने अपने आदेश में कहा कि ऐसी परिस्थितियों और कैद की छोटी अवधि के कारण जमानत अर्जी खारिज करने योग्य है. जस्टिस द्विवेदी ने अपने आदेश में लिखा है कि मैंने समग्र सीडी में निहित वीडियो को देखकर, प्रतिद्वंद्वी पार्टियों की ओर से किए गए निवेदनों पर गंभीरता से विचार किया है.


हालांकि, वीडियो-क्लिपिंग की पवित्रता का इस स्तर पर परीक्षण नहीं किया जा सकता है और इसे सही मानना जमानत के स्तर पर विचार करने के लिए उचित नहीं होगा. आवेदक के लिए जो एक सार्वजनिक नेता है, भीड़ को अपराध करने के लिए उकसाने और देश के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की अपमानजनक भाषा का उपयोग करने का कोई कारण नहीं था. जन नेता को अपने भाषण के दौरान शब्दों का प्रयोग करने में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ऐसे बयान उनके समर्थकों के दिमाग को विचलित कर सकता है. अक्सर, यह देखा गया है कि बिना के परिणाम का परवाह किए बगैर नेताओं का इस तरह का भाषण देना फैशन बन गया है. यह प्रथा न केवल समाज में जन नेताओं की छवि धूमिल कर रही है, बल्कि राजनीति में अपराध की वृद्धि का कारण भी बन रही है.


30 दिन और रहना होगा जेल में


जस्टिस द्विवेदी ने अपने आदेश में आगे लिखा है कि जन नेता से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद के नेता की छवि को खराब करने वाली भाषा का इस्तेमाल कर और समाज में आतंक पैदा करे. इस प्रकार प्रथम दृष्टया कैद की कम अवधि और जिस तरह से अपराध किया गया है, उसे देखते हुए आवेदक को जमानत नहीं दी जा सकती. इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. आवेदक आज से तीस दिनों की अवधि के बाद नए सिरे से आवेदन दाखिल करके जमानत की प्रार्थना को पुनर्जीवित करने के लिए स्वतंत्र है.


कौन हैं राजा पटेरिया?


राजा पटेरिया (Raja Pateria) मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) के वरिष्ठ नेता हैं. वे विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने 1998 में हट्टा विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. इस दौरान 1998 से 2003 तक वे दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. फिलहाल पटेरिया एमपी कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं. राजा पटेरिया ने एमपी की खजुराहो सीट से 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे भाजपा के नरेंद्र सिंह से हार गए थे.