MP High Court: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भू माफियाओं और अपराधियों की संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता ना तो पीड़ित है और ना ही उसका पीड़ित के साथ सीधा संबंध हैं. याचिकाकर्ता का मामला जनहित के नही है और यह सुनवाई योग्य नही है. हाईकोर्ट के इस रुख के बाद हो गया है कि शिवराज मामा का बुल्डोजर फिलहाल नहीं थमेगा. 


दरअसल,जबलपुर निवासी कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता और अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी.  याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों प्रशासन अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपियों के घर को बुलडोजर से जमींदोज करने की कार्रवाई कर रहा है.  याचिका के साथ इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन सहित अन्य जिलों की कार्रवाई के संबंध में अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रतियां भी पेश की गयी थी. 


याचिका में की गई थी यह अपील
याचिका में अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने कहा कि सुनवाई का अवसर दिये बिना ही अपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई अवैधानिक है.  इस पर सरकार ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही हैं.  कार्रवाई के खिलाफ संबंधित पक्ष ने किसी प्रकार की कोई याचिका दायर नहीं की है.  


हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि याचिकाकर्ता ना तो पीड़ित है और ना ही पीड़ित के साथ सीधा संबंध हैं. याचिकाकर्ता का मामला सुनवाई योग्य नही है. अगर पीड़ित के साथ गलत हो रहा हो तो वह खुद न्याय के किए आए. लिहाजा हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. 


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