Madhya Pradesh High Court News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जज की कार छीनने वाले दो लॉ स्टूडेंटस को जमानत दे दी है. हालांकि, सोमवार (18 दिसंबर) शाम तक दोनों छात्रों की रिहाई नहीं हो सकी. अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों छात्र आज मंगलवार (19 दिसंबर) को जेल से रिहा हो जाएंगे. इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ को पत्र लिखकर छात्रों की रिहाई की मांग की थी.
दरअसल, ग्वालियर में शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति को बचाने के लिए दो छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर एक जज की कार छीन ली थी. पुलिस ने लूट का मुकदमा दर्ज करते हुए 8 दिन पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी छात्रों की ओर से एडवोकेट भानू प्रताप सिंह चौहान ने कोर्ट में कहा कि छात्रों की आपराधिक मंशा नहीं थी. वे बीमार व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाना चाहते थे.
कोर्ट ने हिदायत के साथ दी जमानत
शासन की ओर से कहा गया कि दोनों लॉ के छात्र हैं. उनके खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं है और न ही केस की जांच में उनकी कोई जरूरत है. इनसे कोई पूछताछ नहीं करना. दोनों छात्रों के इरादे नेक थे. ग्वालियर हाई कोर्ट की जस्टिस सुनीता यादव ने सोमवार को सुनवाई के बाद दोनों छात्रों को जमानत दे दी. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि छात्र जांच में सहयोग करें और भविष्य में इस बात का ध्यान रखें कि जल्दबाजी में ऐसा काम न हो. इसके बाद लॉ छात्र हिमांशु श्रोती और सुकृत शर्मा को गिरफ्तारी के 7 दिन बाद जमानत मिल गई.
छात्रों ने क्यों छीनी थी जज की कार?
यहां बता दें कि ट्रेन में सफर के दौरान कुलपति प्रो. रणजीत सिंह की तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए दोनों छात्रों ने हाई कोर्ट जज की कार छीनी थी. उन्हें 11 दिसंबर को ग्वालियर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया. साथ ही उन पर मध्य प्रदेश डकैती अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था. दोनों छात्रों की रिहाई के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी मुहिम चलाए हुए था. इस मामले को लेकर परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जबलपुर में मौन प्रदर्शन भी किया था.
ग्वालियर में जज की कार छीनने वाले छात्रों को मिली जमानत,हाई कोर्ट ने जांच में सहयोग के दिये निर्देश