Relief For Home Guards: मध्य प्रदेश के साढ़े सोलह हजार जवानों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि याचिकाओं के पूर्ण निराकरण तक होमगार्ड सैनिकों को पूरे साल काम और वेतन दिया जाएगा. जिन होमगार्ड जवानों को पूर्व में दो माह का कॉल ऑफ दिया गया था, उन्हें भी बकाया वेतन दिया जाएगा.यानी अब होमगार्ड जवानों को साल के 365 दिन काम मिलेगा.


2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों ने याचिका की थी दायर
याचिकाकर्ता के वकील विकास महावर के मुताबिक सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने अवमानना याचिका का निराकरण कर दिया. योगेश बनवारी सहित दर्जनों होमगार्ड सैनिकों की ओर से यह अवमानना याचिका दायर की गई थीं. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विकास महावर और अंजली बैनर्जी ने दलील दी कि हाईकोर्ट के स्थगन के बावजूद विभाग ने सैनिकों को दो माह का कॉल ऑफ दे दिया और वर्ष में केवल दस माह ही कार्य कराया जा रहा है. दरअसल, वर्ष 2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर नियमितीकरण, पुलिस आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य अनुतोष की प्रार्थना की गई थी. वर्ष 2011 में हाईकोर्ट द्वारा इसे आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया गया था कि वे होमगार्ड्स के सेवा नियम बनाये एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए. इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन शीर्ष अदालत हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखा.


सरकार ने 2016 में बनाए नियम
इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाये और आदेश के विपरीत पुनः वर्ष 2 माह का बाध्य कॉल ऑफ का प्रावधान रख दिया. इसे लेकर कई याचिकाएँ हाईकोर्ट में लंबित हैं. वर्ष 2020 में होमगार्ड विभाग द्वारा बाध्य कॉल ऑफ का आदेश जारी किया गया जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट ने विभाग के आदेश पर स्टे कर दिया. जब विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना याचिकाएँ प्रस्तुत की गईं. हालांकि कुछ दिन पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की थी कि प्रदेश के 16 हजार 500 होमगार्ड जवानों को अब एक साल की बजाय तीन साल में कॉल ऑफ किया जाएगा. कॉल ऑफ के तहत होम गार्ड जवानों को साल में दो माह को लिए अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया जाता था लेकिन अब हाई कोर्ट के फैसले काल ऑफ का नियम फिलहाल स्थगित हो गया है.


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