MP High Court On Maternity Leave: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सामने एक अजीब प्रश्न आया है कि यदि कोई तलाकशुदा (Divorcee) या विधवा (Widow) महिला दोबारा शादी करती है तो उसे प्रसव अवकाश (Maternity Leave) दिया जाना चाहिए या नहीं. यह प्रश्न इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि याचिकाकर्ता महिला अपनी पहली शादी से हुए दो बच्चों के दौरान यह सुविधा ले चुकी है. जबलपुर के एक सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिका में दलील दी है कि सरकारी कर्मचारी को दूसरी शादी करने पर दो बार और मातृत्व अवकाश मिलना चाहिए.


गौरतलब है कि राज्य सरकार के सिविल सेवा नियम 1966 के अनुसार सेवा में रहने के दौरान एक कर्मचारी को केवल दो बार मातृत्व अवकाश मिल सकता है. जबलपुर जिले के एक गांव की प्राथमिक शिक्षिका प्रियंका त्रिपाठी ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है.


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कुछ ऐसा है पूरा मामला


याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अंजली बैनर्जी ने कहा कि याची प्रियंका त्रिपाठी की पहली शादी साल 2002 में हुई थी. पहली शादी से उनके दो बच्चे हैं. साल 2018 में उन्होंने तलाक ले लिया और पिछले साल दोबारा शादी की. अब वह फिर से गर्भवती हैं.


याचिका में कहा गया है कि अगर तलाक के बाद महिला दोबारा शादी करती है तो उसे दो बार और मातृत्व अवकाश दिया जाना चाहिए. अदालत से सरकार को ऐसा कानून बनाने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है. शिक्षिका प्रियंका त्रिपाठी ने अपने तर्क के समर्थन में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश की एक प्रति भी प्रस्तुत की है. जबलपुर हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागू और जस्टिस एम एस भट्टी की डबल बेंच ने प्रारंभिक दलीलों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए टाल दिया है.


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