Madhya Pradesh News: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद मध्य प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को शनिवार (17 अगस्त) को हाई कोर्ट ने बंद करने को कहा है. कोर्ट ने हड़ताली संगठनों को तत्काल प्रभाव से हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है. बता दें पूरे देश की तरह प्रदेश में भी जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई थी, लेकिन इस मामले में कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका लगा दी थी. 


जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि वो लंबे समय से डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर मांग कर रहे हैं. डॉक्टरों की सुरक्षा, वेतन-भत्ते, कार्य के घंटे, अस्पतालों में महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षा आदि कई मांगों पर राज्य सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. इस पर हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों से कहा कि उनकी सभी मांगों पर 20 अगस्त को जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. लेकिन उनको तत्काल प्रभाव से हड़ताल को स्थगित करना होगा. 


'हड़ताल का यह तरीका सही नहीं'
इससे पहले एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि "हड़ताल का यह तरीका सही नहीं है. अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाई कोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने की सलाह दी." वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा कि "हम चाहते हैं कि देश में समान कानून बने. हाई कोर्ट को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं. देश में आंदोलन चल रहा है, इतनी बड़ी घटना हो गई है. दूसरी ओर हाई कोर्ट कहे कि आंदोलन का अधिकार नहीं है."


दरअसल, मध्य प्रदेश में दो दिन से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. इसमें अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और प्राइवेट अस्पतालों का समर्थन भी मिल गया है. भोपाल में हमीदिया और एम्स के बाद निजी अस्पतालों ने भी ओपीडी बंद कर दी है.



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