Madhya Pradesh News: कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को लेकर राजनीति थमने का नाम नही ले रही है. अब बीजेपी की ओर से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)और कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा (Vivek Tankha) में जुबानी जंग चल रही है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "कश्मीरी पंडितों को उनके गृह प्रदेश जाने में मदद करेंगे. तंखा जी उनकी सूची उपलब्ध कराएं". तन्खा ने इसके जवाब में कहा है कि, "वे (पंडित) खुद जाने में सक्षम,उन्हें संपत्ति वापस कैसे मिल सकेगी, इसकी व्यवस्था हो. मैं संसद में प्राइवेट बिल लेकर आ रहा हूं, जिसका उन्हें समर्थन करना चाहिये".


तन्खा सूची उपलब्ध करा दें-नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश में रहने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगर विस्थापित कश्मीरी पंडित अपने गृह प्रदेश में जाना चाहते हैं, तो सरकार उनकी मदद करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा से निवेदन है कि वे मध्य प्रदेश में रह रहे उन कश्मीरी पंडितों की सूची उपलब्ध करा दें, जो वापस जाना चाहते हैं.


Prayagraj News: अतीक अहमद के घर पर फिर चला योगी सरकार का बुलडोजर, भारी फोर्स की मौजूदगी में हुई ये बड़ी कार्रवाई


इसके जवाब में सांसद तन्खा ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को परिवहन व्यवस्था की जरूरत नहीं, बल्कि सुरक्षा और पुनर्वास की नीति चाहिए. कश्मीरी पंडितों को लेकर विवेक तन्खा के फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' नहीं देखने वाले और विस्थापित लोगों का दर्द जानने वाले बयान को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, "मैं उनसे कश्मीरी पंडितों की एक सूची प्रदान करने का अनुरोध करूंगा." 


नरोत्तम मिश्रा का पहला ट्वीट-
MadhyaPradesh में रह रहे KashmiriPandits भाई-बहन अगर वापस कश्मीर जाना चाहते हैं तो वह गृह विभाग को सूचित करें. सरकार‌ उनकी वापसी सुनिश्चित कराने के साथ-साथ भेजने की व्यवस्था भी करेगी."


नरोत्तम मिश्रा का दूसरा ट्वीट-
"द कश्मीर फाइल्स फिल्म नहीं देखने की बात कहने वाले कांग्रेस ‌सांसद विवेक तन्खा जी से निवेदन है कि वह MadhyaPradesh में रह रहे उन  कश्मीरी पंडितों की सूची उपलब्ध करा दें जो वापस जाना चाहते हैं."


तन्खा ने क्या जवाब दिया
इसके जवाब में तन्खा ने कहा कि, "मैं नरोत्तम मिश्रा के बयान का स्वागत करता हूं, क्योंकि उन्होंने कहा है कि वे कश्मीरी पंडितों को वापस ले जाने की पूरी व्यवस्था करेंगे पर समस्या वापस जाने की नहीं है. कश्मीरी पंडित सक्षम हैं, वापस तो वे खुद जा सकते हैं. 


तन्खा ने आगे कहा, कश्मीरी पंडितों के सामने वापस जाकर उनके सामने आने वाली परेशानियों की समस्या है. उनकी जो सम्पत्ति चली गई है, वो उनको कैसे वापस मिलेगी या मुआवजा कैसे मिलेगा. समस्या है, वहां जाकर वो करेंगे क्या, उनकी नौकरियों की समस्या है. जब वो पहुंचेंगे तो क्या शासन में उनको स्थान मिलेगा. इसलिए संसद में प्राइवेट बिल लेकर आया हूं, जिसका उन्हें समर्थन करना चाहिए.


MP News: सीएम हेल्पलाइन पर 17 हजार लाभार्थियों ने लगाई मदद की गुहार, कहा- नहीं मिल रहा 'पोषण आहार' का पैसा