MP News: पेट्रोल-डीजल के नहीं बढ़े दाम तो 6 महीने में कंगाल हो सकती हैं कम्पनियां, जानिए इस पर कितना लगता है टैक्स
Madhya Pradesh: पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की समाप्ति के बाद, पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं. कीमतों में इजाफा नहीं हुआ तो आयल कंपनिया 6 महीने में कंगाल हो सकती हैं.
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MP Petrol Diesel Price: पांच राज्यों के चुनाव के खात्मे के बाद, अब पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों को लेकर मंथन के साथ चिंतन भी शुरू हो गया है. अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों (International Markets) में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई, लेकिन पेट्रोल और डीजल कंपनियों ने तेल की कीमतों को कई दिनों से स्थिर रखा है. ऐसे में अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नहीं बढ़ाया गया तो, आने वाले 6 माह में ऑयल कंपनियां कंगाल हो जायेंगी.
कयास लगाये जा रहे थे कि, पांच राज्यों के चुनाव की वजह से सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ा रही है. वहीं चुनाव परिणामों के आते ही, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. दूसरी तरफ पेट्रोल पंप व्यवसाय से जुड़े एक्सपर्ट भी इस बात को मान रहे हैं कि, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाना सरकार की मजबूरी है. अगर आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं तो, पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों को दैनिक जरूरतों के लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है.
ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सेक्रेटरी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर यह कहा
इस संबंध में ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सेक्रेटरी गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि, वर्तमान में मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स है. बावजूद इसके यदि कीमतें बढ़ाई जाती है तो इसका असर पूरे देश के साथ-साथ एमपी पर भी पड़ेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो परिस्थितियां चल रही है उसके अनुसार ऑयल कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है.
गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि, "हालिया दिनों में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से, ऑयल कंपनियों को प्रति लीटर लगभग 12 रूपये का नुकसान हो रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार को ऐसे रास्ते की तलाश है, जिसमें ऑयल कंपनियों के साथ-साथ आम लोगों को भी राहत पहुंचाई जा सके." उन्होंने आगे कहा कि, "इसके लिए सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में कुछ बढ़ोतरी कर सकती है, जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स को कम करके सरकार कीमतों को लेकर तालमेल बैठा सकती है." श्री माहेश्वरी के मुताबिक, आने वाले चंद दिनों में ही इसके परिणाम सामने आ जाएंगे.
सेंट्रल एक्साइज और स्टेट टैक्स के रूप में पेट्रोल-डीजल पर यह टैक्स का आंकड़ा
वर्तमान में मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरी उज्जैन में पेट्रोल ₹107.58 और डीजल 91 रुपए 22 पैसे प्रति लीटर के आसपास है. बीपीसीएल, एचपी, इंडियन ऑयल कंपनी के दामों में कुछ भिन्नता जरूर हो सकती है. ऐसे में अगर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते हैं तो, इसका असर सभी आयल कंपनियों पर सीधा पड़ेगा.
ऑल इंडिया पेट्रोलियम एसोसिएशन के सदस्य रवि लोहिया के मुताबिक, "पेट्रोल पर मध्यप्रदेश सरकार 29 फ़ीसदी टैक्स लगाती है, जबकि ढाई रुपए सेस और 1 फीसद सरचार्ज लगाया जा रहा है. इसी तरह डीजल पर 19 फ़ीसदी राज्य सरकार का टैक्स है, जबकि डेढ़ रुपया सरचार्ज व 1 फ़ीसदी सेस टैक्स के रूप में वसूला जा रहा है.
केंद्र सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर मोटा कर वसूलती है. पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार सेंट्रल एक्साइज टैक्स के रूप में पेट्रोल पर 27.95 रूपये और डीजल पर 21.83 रूपये वसूलती है. यह उम्मीद की जा रही है कि, दाम अधिक नहीं बढ़ाए जाएंगे. लेकिन आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में कुछ इजाफा जरूर होने की पूरी संभावना है.
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