MP News: अपने वेतन बढ़ाने सहित तमाम मांगों को लेकर मध्य प्रदेश की आशा उषा कार्यकर्ताओं की मांग लगातार तेज होती जा रही है. आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को इंदौर सीएमएचओ कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनके द्वारा आगामी समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
राष्ट्रव्यापी अभियान
दरअसल, केंद्रीय व राज्य सरकारों द्वारा आशा एवं पर्यवेक्षकों के मानवीय शोषण के विरोध में सीटू यानी की सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन द्वारा जमकर नारेबाजी की गई. सीटू से संबंधित अखिल भारतीय आशा वर्कर्स समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी अभियान पर आशा उषा एवं आशा पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को अपनी मांग रखी. वे अपना वेतन बढ़ाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इंदौर जिला स्वास्थ्य कार्यालय पर पहुचीं और जमकर नारेबाजी की. जहां उन्होंने संबंधित अधिकारी को ज्ञापन भी दिया.
सरकार को चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारतीय श्रम सम्मेलन के 45वें एवं 46वें अनुमोदन को लागू कर आशा एवं पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये प्रतिमाह करने, कम से कम 10 हजार रुपये मासिक पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाने की मांग रखी. इसे लेकर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम सी.एम.एच.ओ कार्यालय पर मौजूद अधिकारी को ज्ञापन दिया. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की ओर सरकार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनके द्वारा आगामी समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
राजनीतिक दलों का साथ
बता दें कि पूरे प्रदेश के साथ ही इंदौर शहर में भी सैकड़ों आशा-उषा कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी वेतन वृद्धि और विभिन्न मांगें चल रही हैं. उनके द्वारा लंबे समय से सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहा है. अब कई राजनीतिक दल भी आशा-उषा कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर उनके साथ खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं.
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