Indore News: इंदौर में पीओपी से प्रतिमाओं के निर्माण पर प्रतिबंध, प्रशासन ने लगाई धारा 144, नगर निगम को दिए गए जांच के निर्देश
MP News: इंदौर के कलेक्टर ने यह सख्त आदेश जारी किया है कि पीओपी के इस्तेमाल करके कोई मूर्ति का निर्माण नहीं किया जाएगा, मूर्तिकार ने इस बात का पालन नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.
Ban On Pop Murti: इंदौर में पीओपी से बनने वाली मूर्तियों को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है और अब इन मूर्तियों के निर्माण पर रोक लगा दी गई है. इंदौर में इस बात का आदेश जारी करते हुए कलेक्टर ने तमाम मूर्तिकारों और शिल्पकारों से कहा है कि वह पीओपी का इस्तेमाल न करें और पारंपरिक तरीके से मिट्टी का इस्तेमाल करते हुए मूर्ति निर्माण करें. क्योंकि पीओपी पर्यावरण के लिए नुकसानदायक तो है ही वही साथ में हमारे आने वाले भविष्य के लिए भी यह खतरनाक है. ऐसे में जब की मध्य प्रदेश में पर्यावरण हितेश माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है तो पीओपी से बनने वाली मूर्तियों से होने वाला नुकसान अपने आप में मध्य प्रदेश पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर सकता है.
इसी को देखते हुए इंदौर कलेक्टर ने आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से 3000 से ज्यादा मूर्तियां इस बार गणेश प्रतिमा की केवल एक पंडाल से बन रही है. ऐसे में तमाम पंडाल हैं जो गणेश मूर्तियों का निर्माण करते हैं उन्हें सख्त हिदायत देते हुए कलेक्टर ने कहा है कि यदि कोई इस प्रकार का पीओपी से मूर्ति का निर्माण करते दिखे तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला
इंदौर में गणेश उत्सव को ध्यान में रखकर प्लास्टर आफ पेरिस यानी पीओपी और रासायनिक वस्तुओं से मूर्तियां बनाने और उनके विसर्जन पर इंदौर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. पीओपी और रासायनिक वस्तुओं से होने वाले जल व मिट्टी प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है, ताकि परंपरागत मिट्टी से ही मूर्तियों का निर्माण किया जा सकेगा. नगर निगम भी इस नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहा है,लेकिन हर साल की तरह हालात वहीं होंगे कि जब प्रतिमाएं बन कर तैयार हो जाएंगी,तब सख्ती की जाती हैं.
नियम नहीं मानने पर उचित कार्रवाई की जाएगी
इंदौर में जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत आदेश जारी किया गया है. जिसमें पीओपी की प्रतिमाओं के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसमें इंदौर में नगर निगम द्वारा मूर्तियों का सत्यापन किया जाएगा. यदि पीओपी या अन्य रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला सामने आता है तो मूर्तियों को कब्जे में लेकर नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधानों के अनुरूप निपटारा किया जाएगा. निगम आयुक्त हर्षिका सिंह का कहना है कि सभी जोन के अधिकारियों को इस बाबत जांच के निर्देश दिए गए है. जबकि जांच के दौरान नियमों को अवहेलना पाई गई तो,उचित कार्यवाही की जाएगी.