मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को अपने पुराने मित्र कैलाश विजयवर्गीय का पूरा साथ मिल गया है. कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शिवराज सिंह चौहान का पूरा साथ डॉक्टर मोहन यादव को नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में कैलाश विजयवर्गीय से पुरानी दोस्ती उनके काम आ रही है.


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उज्जैन दक्षिण के विधायक व मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की दोस्ती 25 साल पुरानी है. दोनों की ही निकटता हमेशा राजनीतिक मंचों पर भी देखने को मिली है. हालांकि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे, मगर पार्टी ने डॉक्टर मोहन यादव को मौका दे दिया. वर्तमान परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साथ डॉ मोहन यादव को पूरी तरह देखने को नहीं मिल रहा पा रहा है. वरिष्ठ पत्रकार संदीप वत्स के मुताबिक फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थोड़े विचलित जरूर हैं.


हालांकि इस परिस्थिति में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का डॉक्टर मोहन यादव को पूरा साथ मिल रहा है.  यही वजह है कि इंदौर के हुकुमचंद मिल के मजदूरों को 464 करोड़ की सौगात मिल गई है. मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉक्टर मोहन यादव ने सबसे पहले हस्ताक्षर इसी बड़ी फाइल पर किए हैं. इसे कैलाश विजयवर्गीय और डॉक्टर मोहन यादव की पुरानी दोस्ती को जोड़कर देखा जा रहा है. 


सिंहस्थ 2004 में थे प्रभारी मंत्री


वरिष्ठ पत्रकार द्वारकाधीश चौधरी के मुताबिक सिंहस्थ 2004 में कैलाश विजयवर्गीय उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे उस समय मुख्यमंत्री के रूप में उमा भारती का नेतृत्व था. कैलाश विजयवर्गीय के साथ डॉक्टर मोहन यादव सिंहस्थ के विकास कार्यों में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. इसके बाद से ही उनकी जुगलबंदी लगातार देखने को मिली. डॉ मोहन यादव का कैलाश विजयवर्गीय के प्रति आदर, सम्मान और दोस्ती का भाव सर्वविदित है. 


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