नामीबिया से आठ चीते एक विशेष चार्टर्ड कार्गो विमान से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) पहुंच चुके हैं. इनको हेलीकॉप्टर के जरिए कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) लाया गया. वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जंगल में छोड़ा. देश में करीब 70 साल बाद चीतों का कदम पड़ा. मध्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इसे राज्य के लिए बड़ा तोहफा बताया है. उन्होंने इसे सदी की सबसे बड़ी वन्यजीव घटना बताया. उनका कहना था कि इससे एमपी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मध्य प्रदेश अपने वन्य जीवों और अभ्यारण्यों के लिए मशहूर है. यह देश का अकेला राज्य है, जहां पर 25 वन्य जीव अभ्यारण हैं. आइए जानते हैं कि देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में और क्या-क्या है.
वन्यजीव अधिनियम कब पारित हुआ
देश में 1972 में वन्यजीव अधिनियम पारित किया गया था. इसी के तहत राष्ट्रीय उद्यान और वन्य प्राणी अभ्यारण स्थापित किए गए. मध्य प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान और 31 अभ्यारण हैं. इनमें से सात टाइगर रिजर्व , दो खरमोर अभ्यारण , दो सोनचिरैया अभ्यारण , तीन घड़ियाल अभ्यारण और दो राष्ट्रीय उद्यान जीवन संरक्षण हैं. साल 2018 की गणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में 526 टाइगर पाए गए थे. उस समय यह संख्या देश में सबसे अधिक थी.
मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क
नेशनल पार्क हैं मध्य प्रदेश कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, माधव राष्ट्रीय उद्यान, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, ओकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान, डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान, कूनो राष्ट्रीय उद्यान, राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान.
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल है. साल 2018 में आए टाइगर सेंसस के मुताबिक मध्य प्रदेश में 526 टाइगर थे. इसके बाद सबसे अधिक टाइगर वाले राज्यों 524 टाइगर के साथ कर्नाटक दूसरे और 442 टाइगर के साथ उत्तराखंड तीसरे नंबर पर था.
लियोपार्ड स्टेट मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश को तेंदुआ स्टेट का दर्जा भी हासिल है. साल 2018 की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक तीन हजार 421 तेंदुआ होने का जिक्र था. इस लिस्ट में 1783 तेंदुओं के साथ कर्नाटक दूसरे और 1690 तेंदुओं के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर था.
गिद्धों के संरक्षण में भी मध्य प्रदेश सबसे आगे हैं, साल 2020-2021 की गिद्ध गणना में मध्य प्रदेश में नौ हजार 408 गिद्ध पाए गए थे. इससे पहले के साल में इनकी संख्या आठ हजार 397 थी.
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