MP News: मध्य प्रदेश में कोरोना पर लगाम लगाने के लिए वैक्सीनेशन महाअभियान प्रदेश भर में जोर शोर से चल रहा है लेकिन आंकड़े बढ़ाने के चक्कर में प्रशासन ऐसी लापरवाही भी बरत रहा है, जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.


जबलपुर में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें लोगों को टीका तो लगा नहीं लेकिन उनके पास टीकाकरण का मैसेज और सर्टिफिकेट आने लगे हैं. दरअसल जबलपुर निवासी शशांक यादव स्वास्थ्य विभाग की ऐसी ही गफलत का शिकार हुए है. शंशाक ने वैक्सीनेशन का पहला डोज लगवा लिया है लेकिन दूसरा डोज उन्हें अब तक नहीं लगा है. हैरानी की बात यह है कि शशांक के पास वैक्सीन के दूसरे डोज का न केवल एसएमएस चुका है बल्कि उनके नाम का पूर्ण वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट भी बन चुका है. शशांक का कहना है कि ऐसा केवल उनके साथ नहीं हुआ है. सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनको दूसरे डोज का टीका नहीं लगा है लेकिन फिर भी उनका सर्टिफिकेट बन चुका है. उन्होंने जब इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की तो कई लोगों के मैसेज उनके पास भी आने लगे हैं. कुछ ऐसे ही कहानी विशाल बघेल की भी है, जिनके परिवार में कई सदस्यों को कोरोना का टीका नहीं लगा लेकिन टीकाकरण का मैसेज आ चुका है.


एक ही मोबाइल नंबर पर 8 से 10 लोगों को वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन 


वैक्सीनेशन में हो रही इस गफलत को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं. लेकिन अधिकारी इतने बड़े मामले को तकनीकी खामी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया का कहना है कि एक ही मोबाइल नंबर पर 8 से 10 लोगों को वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन हुआ है. ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति का भी वैक्सीनेशन पूर्ण हो जाता है तो सभी व्यक्तियों को मैसेज पहुंच रहा है. स्वास्थ्य अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि उनके खुद के मोबाइल नंबर पर भी कई लोगों को टीका लगाया गया है लेकिन अब इस तकनीकी खामी को सुधारा जाएगा और जो भी व्यक्ति आ रहा है उसे टीका जरूर लगाया जा रहा है.


अब एक तरफ स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन महाअभियान को सफल बता कर वाहवाही लूट रहा है लेकिन दूसरी तरफ जब इस तरह की गड़बड़ी सामने आती है तो इससे कहीं ना कहीं वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर सवाल खड़े होते हैं. क्योंकि अगर एक ही मोबाइल नंबर पर कई लोगों को टीका लग रहा है तो फिर यह कैसे सुनिश्चित हो पाएगा कि कितने लोगों को अब तक टीका लग गया है. बहरहाल ऐसी लापरवाही कहीं आने वाले समय में भारी न पड़ जाए.


यह भी पढ़ें-


Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में पिछले पांच साल में सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान 68,301 शिशुओं की मृत्यु हुई: सरकार


Madhya Pradesh news : जब ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते हुआ मोबाइल फोन का स्वागत, वीडियो वायरल