Fake Covid Test Report: कोरोना में आरटीपीसीआर जांच के नाम पर शहर के निजी लैब संचालकों द्वारा किए जा रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. बिना एनएबीएल सर्टिफिकेशन के फर्जी तरीके से संचालित हो रहे लैब कलेक्शन सेंटर से RT-PCR के सैंपल जांच के लिए जा रहे थे. यहां तक की रिपोर्ट भी एक से दो घंटे के अंदर मिल रही थी जो फर्जी पाई गई हैं. खास बात ये है कि कई नामी गिरामी कंपनियों के नाम पर फर्जी लैब चल रहा था.


अब एफआईआर कराने की तैयारी
जबलपुर जिले के क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ संजय मिश्रा ने इस पूरे गोरखधंधे की है. उन्होंने बताया कि शहर भर में संचालित हो रहे करीब 62 लैब और कलेक्शन सेंटर्स के आईडी ब्लॉक कर दिए गए हैं. जांच में अनियमितता के कई चौंकाने वाले तथ्य भी मिले हैं. जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि नामी-गिरामी कंपनियों के नाम पर फर्जी कलेक्शन सेंटर संचालित हो रहे थे. जो बकायदा बड़े लैब सेंटर्स का फायदा उठाते हुए आरटीपीसीआर जांच कर रहे थे. जांच में दोषी पाए गए सभी लैब सेंटर और कलेक्शन सेंटर पर एफआईआर कराने की भी तैयारी की जा रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर यह अवैध टेस्ट लैब कब से फल-फूल रहे थे और जिम्मेदार विभाग क्यों आंख बंद किये थे?


जानकार इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि हाल ही में आम लोगों के लिए विदेश यात्रा या अन्य संस्थानों के लिए लागू किए गए RT-PCR टेस्ट की अनिवार्यता पर यहां रिपोर्ट बनी है. वे लोग नेगेटिव रिपोर्ट पाने के लिए इन फर्जी टेस्ट लैब का फायदा उठा रहे थे. लोगों को फर्जी टेस्ट लैब से आनन-फानन में गलत RT-PCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट मिल जाती थी. बहरहाल स्वास्थ्य महकमा पूरे घपले घोटाले की जांच में जुट गया है.

पैथोलॉजी लैब के लिए नए निर्देश
वहीं अब जबलपुर जिले में संचालित सभी पैथालॉजी लैब के कलेक्शन सेंटर एवं साईड लैब के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जबलपुर के क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ. संजय मिश्रा द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में सभी पैथालॉजी लैब संचालकों को इनका कड़ाई से पालन करने कहा गया है. पैथालॉजी लैब, कलेक्शन सेंटर एवं साइड लैब के नियमानुसार संचालन हेतु जिला स्तरीय निरीक्षण दल का गठन भी किया है. आम नागरिकों से भी नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहे कलेक्शन सेंटर के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. लोग से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को सूचना देने का आग्रह किया गया है. 

इन नए नियमों का रखना होगा ध्यान

नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कलेक्शन सेंटर का न्यूनतम क्षेत्रफल दस गुणा दस फुट होना चाहिए. कलेक्शन सेंटर में खून की जांच या अन्य किसी टेस्ट हेतु प्रशिक्षित स्टॉफ का होना अनिवार्य है. प्रशिक्षित स्टॉफ को सीएमएलटी या डीएमएलटी अथवा बीएमएलटी होना जरूरी है. प्रत्येक कलेक्शन सेंटर में मुख्य पैथालॉजी लैब की अनुमति का पत्र चस्पा होना आवश्यक है. अनुमति पत्र में दोनों का अनुबंध और साथ में मुख्य पैथालॉजी लैब के संचालक के हस्ताक्षर एवं दूरभाष नंबर अंकित होना चाहिए.


इसके साथ-साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी अनुमति पत्र का होना भी आवश्यक है. इसके अलावा कोविड की जांच का अधिकार एनएबीएल के मापदंडों को पूरा करने वाली मुख्य पैथालॉजी लैब को ही होगा. कलेक्शन सेंटर के अंदर प्रशिक्षित स्टॉफ के पास एक कुर्सी टेबल, कम्प्यूटर ऑनलाईन कनेक्शन के साथ, फ्रिज और सेंट्रीफ्ज्यूस मशीन का होना अनिवार्य है. इसके अलावा कलेक्शन सेंटर पर अन्य कोई जांच की मशीन नहीं रखी जा सकती. 


ये भी पढ़ें-


Jodhpur News: सरकार कमजोर हो तो अपराधी मजबूत हो ही जाते हैं, केंद्रीय मंत्री का राज्य की कानून व्यवस्था पर ट्वीट


Jabalpur News: कोरोना टीकाकरण में जबलपुर दूसरे नंबर पर, इंदौर पहले नंबर पर काबिज