Jabalpur News : रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर दो बेरोजगार युवकों से 15 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है. आरोपियों ने ठगे गए बेरोजगारों को न केवल फर्जी ट्रेनिंग दिलाई बल्कि उन्हें जाली अपॉइंटमेंट लैटर भी थमा दिया था. थाना प्रभारी कैंट विजय तिवारी ने बताया कि दो आरोपियों ने खुद को बड़े अफसर का रिश्तेदार बताकर पहले युवकों को अपने जाल में फँसाया, फिर रकम लेने के बाद उन्हें फर्जी ट्रेनिंग भी दिलाई गई और ज्वॉइनिंग लैटर भी दे दिया गया था. पीड़ित युवकों की रिपोर्ट पर जबलपुर की कैंट थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.


कई बार में लिए पैसे
पुलिस ने बताया कि वाजपेयी कम्पाउंड पेंटीनाका निवासी मादेश्वरन स्वामी ने शिकायत की थी कि उसके दोस्त प्रभात अवधिया के माध्यम से उनकी मुलाकात 31 मई 2018 को भोपाल में समनापुर, लखनादौन जिला सिवनी निवासी कपिल साहू से हुई थी. कपिल ने अपनी ऊंची पहुंच की कहानी सुनाकर उसे रेलवे में नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था. शिकायतकर्ता उसकी बातों में आ गया तो कपिल साहू ने उसकी मुलाकात श्रीनगर कॉलोनी, मुरार जिला ग्वालियर निवासी पूरन सिंह इंदौरिया से करवाई. बातचीत करने के बाद मादेश्वरन और प्रभात ने आरोपी कपिल और पूरन से साढ़े सात और साढ़े सात लाख रुपए में रेलवे में नौकरी लगवाने के सौदा तय कर लिया.


मादेश्वरन के मुताबिक इसके बाद कपिल उसके घर आया था और उसने शैक्षणिक योग्यता के कागजात के साथ एक लाख रुपए नकद लिए थे. इसके बाद दीपक ने मेडिकल कराने के नाम पर 64 हजार रुपए, डीडी बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए और अपने साथी पूरन सिंह इंदौरिया के खाते में ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए 50 हजार रुपए और लिए. इसी तरह उसके दोस्त प्रभात अवधिया से भी दोनों आरोपियों ने पैसे लिए थे. आरोपियों ने जबलपुर के रेलवे अस्पताल में दोनों का फर्जी मेडिकल टेस्ट भी कराया और इसके बाद उन्हें लखनऊ ले जाकर फर्जी ट्रेनिंग और बाकी कागजी करवाई का स्वांग रचा.


वॉट्सएप पर भेजा ज्वॉइनिंग लैटर
28 जून 2018 को मादेश्वरन और प्रभात को कपिल ने वॉटसएप के जरिए ज्वॉइनिंग लैटर भेज दिया. जो 15 जून 2018 को टाटा नगर, साउथ ईस्ट रेलवे से जारी हुआ था. इसमें नियुक्ति की जानकारी दी गई थी. कपिल ने दोनों को जमशेदपुर, टाटा नगर बुलाकर ट्रेनिंग के नाम पर कुछ दिन एक होटल में ठहराया भी था. इसके पूर्व दोनों से तीन-तीन लाख रुपए और ले लिए गए थे. इसके बाद से कपिल लगातार बहाना बनाकर टालता रहा. जब उसने कपिल साहू द्वारा दिए गए ज्वॉइनिंग लेटर, ट्रेनिंग हेतु जारी पत्र व दस्तावेजों को रेलवे विभाग जबलपुर में जाकर दिखाया तो पता चला कि ये सब दस्तावेज फर्जी हैं. उसने कपिल साहू व पूरन सिंह इंदौरिया से संपर्क किया तो उनके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.


कई बार उसने दोनों से अपनी रकम वापस करने की मांग की तो उनके द्वारा उसे भोपाल बुलाया गया. आरोपियों ने वहां पर राशि उधार का एक वचनपत्र 30 जुलाई 2018 को निष्पादित कर राशि 25 अगस्त 2018 तक वापस दिए जाने हेतु दिया गया, किन्तु उनके द्वारा राशि वापस नहीं की गई. लगातार संपर्क करने पर उनके द्वारा मात्र आश्वासन दिया जाता रहा किन्तु राशि का भुगतान नहीं किया गया. अब पुलिस ने कपिल साहू एवं पूरन सिंह इंदोरिया के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.


ये भी पढ़ें-


Kashi Vishwanath Corridor: आज काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, योगी बोले- नव्य भव्य काशी अब दुनिया में चमकेगी


UP Election 2022: केशव प्रसाद मौर्य का दावा- 'लाल टोपी' पहने हो या 'जालीदार टोपी', उसे...