जबलपुर: रेलवे में लाइन बॉक्स या ब्लैक बॉक्स अब बीते दिनों की बात होने वाली है. दरअसल रेलवे इसकी जगह ट्रॉली बैग देने जा रहा है. हालांकि ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल (All India Guard Council) द्वारा इसका  विरोध भी किया जा रहा है. वहीं जबलपुर में डीआरएम आफिस में एक दिन का प्रदर्शन भी किया गया.


लाइन बॉक्स हटाने का हो रहा विरोध
बता दें कि ऑल इंडिया गॉर्ड कॉउंसिल की स्थानीय शाखा द्वारा लाइन बॉक्स हटाकर ट्राली बैग देने के साथ ही बॉक्स पोर्टल की सुविधा बंद करने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है. रेलवे बोर्ड के इस निर्णय के खिलाफ रेल प्रबंधक कार्यालय जबलपुर में एक दिवसीय धरना दिया गया. इसके अलावा मंडल के अन्य स्टेशन सतना, कटनी, सागर के भी ट्रेन मैनेजर (गॉर्ड) धरने में शामिल हुए.


लाइन बॉक्स हटाने से हजारों कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है
प्रदर्शन में शामिल मंडल सचिव एमएस धुर्वे ने बताया कि लाइन बॉक्स हटाने से न केवल ट्रेन मैनेजरों को परेशानी होगी, बल्कि यात्री व ट्रेन की सुरक्षा व संरक्षा भी प्रभावित होगी.साथ ही बॉक्स पोर्टर के रूप में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.


बता दें कि लाइन बॉक्स परिवहन के कार्य में आज भी भारतीय रेल में हजारों की संख्या में बॉक्स पोर्टर कार्यरत हैं.ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल जबलपुर शाखा सचिव बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि लाइन बॉक्स में ड्यूटी के दौरान महत्वपूर्ण सामान सहित कुल वजन लगभग 20 किलोग्राम के आसपास होता है.


लाइन बॉक्स तो स्टेशन में ही रखे होते है जबकि ट्रॉली बैग ट्रेन मैनेजर को घर से लाना-ले जाना पड़ेगा. प्रदर्शन में डीके ओझा, अजय कुमार शर्मा, बीके सिंह, एसके हरदहा, मनीष सोनी, उदय सिंह सहित अन्य शामिल रहे.



MP News: सीएम शिवराज ने दी सौगात- 2 लाख 40 हजार OBC छात्रों के खाते में ट्रांसफर किया स्कॉलरशिप





क्या होता है ब्लैक बॉक्स में



जिस तरह सीमा पर लड़ने के लिए जवान को गोला-बारूद,हथियार और अन्य जरूरी साजो-सामान की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह ट्रेन के गार्ड और लोको पायलट को भी ट्रेन को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से चलाने के लिए कुछ सामान की जरूरत होती है.रेलवे की भाषा में इस समान को व्यक्तिगत भंडार (Personal-Store) कहा जाता है.इसमे से कुछ सामान सामान्य कार्य के लिये आवश्यक है और कुछ सामान आपात स्थितियों में काम आता है.यह सामान गार्ड और लोको पायलट दोनों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग होता है, जिसे उन्हें भारतीय रेलवे द्वारा दिया जाता है.


इसी समान को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से रखने तथा एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने के लिए गार्ड और लोको पायलट लोहे के एक मजबूत बॉक्स में ताला लगा कर रखते हैं,जिससे ये प्लेटफ़ॉर्म और यार्डों में हर परिस्थिति में सुरक्षित पड़े रहें.ऐसे बक्सों को लाइन-बॉक्स या ब्लाक बॉक्स कहते हैं.


ये भी पढ़ें


MP News: इन्दौर में सब इंस्पेक्टर ने ऑटो रिक्शा चालक के साथ की बदसलूकी, वर्दी का रौब झाड़ते हुए मारे 'थप्पड़'