Madhya Pradesh: पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) ने तेंदूपत्ता संग्राहकों (Tendupatta Sangrahak) को, प्रदेश सरकार के द्वारा जूता-चप्पल, छाता और पानी की बोतल देने पर सख्त ऐतराज जताया है. कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि, शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सरकार प्रदेश के 40 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत की कमाई को अपने प्रचार-प्रसार और इवेंटबाज़ी में खर्च करना चाहती है. 


यहां बताते चले कि प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फोटो प्रिंट करवाकर छाता बांटने का फैसला किया है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार मतदाताओं को लुभाने में लगे है. पिछले दिनों शहडोल में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस वितरित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि, 'तेंदूपत्ता तोड़ने वाली मेरी सभी बहनों को साड़ी, पानी की बोतल और धूप से बचाने के लिए छाता दिया जाएगा. मेरी बहनों के पैर में कांटे न चुभे इसके लिए उन्हें चप्पल और भाइयों को जूता दिया जाएगा.'


कमलनाथ ने बीजेपी पर लगाया ये आरोप


हालांकि, छाते के रंग को लेकर अभी तक मामला जमा नहीं है. इसलिए उसके वितरण में देरी हो रही है. जबकि बाकी समान इसी माह तेंदूपत्ता संग्राहकों को देने की योजना है. शिवराज सरकार द्वार दिया जा रहे गिफ्ट आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर लिखा कि, बीजेपी सरकार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की फोटो वाला छाता, पानी की बोतल और अन्य सामान की खरीदी कर सरकारी ख़र्चे पर बांटने की प्रचार योजना बना रही है. इस पूरी प्रचार योजना और इवेंटबाज़ी पर तेंदूपत्ता संग्राहको के श्रम के 260 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे. 


कमलनाथ ने कहा कि गरीब मजदूरों के हक के पैसे उनको सीधे न देकर, सामान खरीदकर बांटने की ये इवेंटबाज़ी करना कैसे जायज है? ये तो मजदूर का हक मारना है और कन्या विवाह योजना में हुए खरीदी घोटाले के समान नए घोटाले को शुरू करना है. उन्होंने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि यह पैसा तेंदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत का पैसा है. इसे अपने और बीजेपी के प्रचार की जगह आप सीधे बोनस के तौर पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रदान करें.


तेंदूपत्ता संग्रहण कम होने से घटी आय- कमलनाथ


पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस बार तेंदूपत्ता का संग्रहण भी कम होना सम्भावित है, जिससे तेंदूपत्ता संग्राहक की आय घट रही है. ऐसे में नगद बोनस देने से गरीब मजदूर परिवारों को कुछ राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार छाता और दूसरी चीजें तेंदूपत्ता संग्राहकों को देना चाहती है तो उसके लिए अलग से बजट बनाए और बांटे, पर संग्राहको के हक की पूरी राशि उन्हें ही प्रदान करे.


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