Adi Shankaracharya Statue News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बन कर तैयार हो गई है. इस प्रतिमा को अष्टधातु से तैयार किया गया है, जिसे बनाने में देश भर के ख्यातनाम कलाकारों और इंजीनियरों ने हिस्सा लिया. इस प्रतिमा का लोकार्पण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 सितंबर को करने वाले हैं. इसके पहले 16 सितंबर से धार्मिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. यहां पर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अलावा हवन, यज्ञ आदि धार्मिक कार्य होंगे, जिसमें बड़ी संख्या में साधु संत सम्मिलित होंगे.

हार्दिक शंकराचार्य का जन्म तो केरल में हुआ, लेकिन उन्होंने बाल अवस्था में ही घर संसार त्याग कर ओंकारेश्वर में शरण ली. ऐसा बताया जाता है कि ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य 4 साल तक का वक्त बिताया था. इसी स्मृति को संजोए में रखने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने यहां पर 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की है, जिसमें उनके बाल स्वरूप को दिखाया गया है.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग स्थित है जिनमें उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को विस्तारीकरण योजना के तहत महाकाल लोक बनाकर पर्यटन को काफी बढ़ावा दिया गया है. इसी तरह ओंकारेश्वर में स्थित दूसरे ज्योतिर्लिंग पर सरकार की ओर से आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित कर यहां भी पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया गया है.

पीएम मोदी के हाथों लोकार्पण की चर्चा
आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का निर्माण होने से पहले यह प्रयास लगाया जा रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से प्रतिमा का लोकार्पण किया जाएगा. शिवराज सरकार की "स्टैचू ऑफ वननेस" प्रोजेक्ट के तहत प्रतिमा को 31 अगस्त तक तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. हालांकि जनसंपर्क विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 सितंबर को प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे.


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