Sehore News : सरकारी अस्पताल का नाम आते ही जेहन में गंदगी और अव्यवस्था की तस्वीर उभर आती है. कई अस्पतालों के डॉक्टर और अन्य स्टॉफ का मरीजों और परिजनों के प्रति नीरस व्यवहार तथा असहयोग की खबरें आती हैं. लेकिन सीहोर जिले के इच्छावर का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्कुल इसके विपरीत है. यहां की स्लच्छता और स्टॉफ का व्यवहार किसी प्राइवेट अस्पताल जैसा है. स्टॉफ के अनुशासन, जागरूकता और सेवाभाव का ही परिणाम है कि लगातार तीसरी बार इस अस्पताल को प्रथम पुरस्कार मिला है.
कैसी हैं अस्पताल की सुविधाएं
इछावर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का परिसर साफ-सुथरा और कीटाणु रहित है. यहां सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं. इस अस्पताल में आने वाले मरीजों का कहना है कि यहां के स्टॉफ का व्यवहार बिल्कुल परिजनों जैसा है. अस्पताल में इलाज कराने आए बनवारी शर्मा, हरिओम शर्मा, इछावर के अनिल कुमार चांडक, बंशीलाल सोनी तथा भाऊखेडी के बद्री प्रसाद का कहना है कि यहां आने के बाद कभी नहीं लगा की सरकारी अस्पताल में आए हैं. बिल्कुल प्राइवेट अस्पताल जैसा स्टॉफ का व्यवहार और सुविधां हैं. यह ई-अस्पताल है, यहां एप के माध्यम से लोगों से अस्पताल की सेवाओं और स्वचछता संबंधी फीडबैक निरंतर लिया जाता है. लोगों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर सेवाओं में सुधार भी किया जाता है.
क्या है कालाकल्प अभियान का मापदण्ड
इछावर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को स्वच्छता के कारण राज्य स्तर पर कायाकल्प अभियान में 5 साल से प्रथम पुरस्कार दिया जा रहा है. कायाकल्प अभियान में 7 मापदण्ड तय किए गए हैं. जिसमें अस्पताल की सुविधा, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विस, स्वच्छता के प्रचार को पैमाना माना गया है. इच्छावर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इन सभी पर खरा उतरा है. पुरस्कार के रूप में इच्छावर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 15 लाख रूपए की राशि मिली है.
इच्छावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ये हैं आकंड़े
प्रतिमाह डिलीवरी- 150
प्रतिमाह मरीजों की भर्ती संख्या- 1000
प्रतिमाह होने वाली जांच की संख्या - 4 से 5 हजार
प्रतिमाह इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या- 8 हजार
क्या है कालाकल्प अभियान
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत अस्पताल भवन एवं परिसर को साफ-सुथरा बनाने के उद्देश्य वर्ष 2015 में कायाकल्प अभियान शुरू किया गया है. कायाकल्प अभियान के सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं. डॉ बीबी शर्मा ने बताया कि अस्पताल के सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने टीम भावना के साथ काम किया है जिसके परिणाम स्वरूप कायाकल्प अवार्ड मिला है.
वहीं, कोरोना महामारी के बीच अस्पताल से 80 से 90 साल के बुजुर्ग मरीज स्वास्थ्य होकर गए जब अस्पताल में बेड आक्सीजन नहीं मिल रहे थे. उस समय इछावर अस्पताल मिसाल पेश कर रहा था. तीसरी लहर से लड़ने के लिए भी बीएमओ बीबी शर्मा का कहना है कि हमने पूरे इंतजाम कर लिए हैं. लगातार हमारी स्वास्थ्य की टीम फील्ड सहित अस्पताल में ड्यूटी कर रही है.
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