Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में आए आठ चीतों को लेकर भले ही मध्य प्रदेश सरकार बहुत गंभीर हो लेकिन सरकार की इस गंभीरता का असर वन विभाग पर बिल्कुल भी नहीं पड़ रहा है. लापरवाही का आलम यह है कि चीतों की रखवाली के लिए जिस डॉग से 15 दिन रेकी करवाई गई वह देख ही नहीं सकता. साल भर पहले ही डॉक्टरों ने उसे अनफिट घोषित कर दिया था. ऐसे में अनफिट डॉग पर चीतों के बाड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई.


सवालों के घेरे में चीतों की सुरक्षा
चीतों के आने से पहले बाड़ों के आसपास की रेकी एक पखवाड़े तक बेल्जियन मेलिनोइस ब्रीड के डॉग होरवाल से कराई गई. इस डॉग को साल भर पहले ही डॉक्टरों ने अनफिट घोषित कर दिया था. यह डॉग देख नहीं सकता, चलने पर भी इधर-उधर टकराता है. इस डॉग को जबलपुर वन सर्किल से उधारी पर लिया गया है. फिलहाल कूनों की रखवाली के लिए जो डॉग मिला है उसकी ट्रेनिंग हरियाली में चल रही है. इसे ट्रेंड होने में अभी पांच से छह महीने लगेंगे.


साल भर पहले ही हुआ अनफिट
उल्लेखनीय है कि शिकारियों पर नकेल कसने के लिए अब से डेढ़ दशक पहले टाइगर रिजर्व में डॉग स्क्वॉड बनाया गया था. हालांकि, डॉग स्क्वॉड में शामिल आधा दर्जन से अधिक डॉग अब उम्रदराज हो चले हैं. इसी के चलते वन विभाग ने जबलपुर वन सर्किल होरवॉल डॉग को लिया था. यह डॉग करीब 20 दिन तक यहां रहा. जबकि बीते एक साल पहले ही पंचमढी में ट्रेनिंग के दौरान इस डॉग को अनफिट घोषित किया जा चुका है.


वन महकमे के पास 18 डॉग
वन महकमे के डॉग स्क्वॉड में 18 डॉग शामिल हैं जिनमें से 11 बेल्जियन मेलिनोइस प्रजापति है. शेष जर्मन शेफर्ड वन विभाग के अफसरों के मुताबिक टाइगर स्ट्राइक फोर्स इंदौर की मैना आठ साल की है. जबकि रीवा सर्कल का जर्मन शेफर्ड निर्मन नौ साल जबलपुर टाइगर स्ट्राइक फोर्स की शेरा आठ साल सबसे उम्रदराज है. इसके बाद शिवपुरी का होरवाल सात साल का है. पेंच टाइगर रिजर्व का सुंदर छह साल और कान्हा टाइगर रिजर्व का स्टॉर्म छह साल और संजय टाइगर रिजर्व का अपोलो छह साल का शामिल है.



वहीं कूनो नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा भी इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दे पाए. उन्होंने बस इतना कहा कि हमारे पास एक महीने से जर्मन शेफर्ड डॉग हैं, जिन्हें जबलपुर से लाया गया है.

 

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