Kuno National Park: नए माहौल में ढलने की कोशिश कर रहे नामीबिया से लाए 8 चीते, एक्सपर्ट्स ऐसे रख रहें नजर
MP News: नामीबिया से लाए गए आठ चीते अपने नए घर कूनो नेशनल पार्क में काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं एक्सपर्ट भी लगातार इन चीतों पर नजर बनाए हुए है.
Kuno National Park: बीती 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra) ने देश को अपने बर्थडे का रिटर्न गिफ्ट दिया था. उन्होंने इस खास दिन पर नामीबिया (Namibia) से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. वहीं अब तीन दिन बाद ये सभी चीते नए वातावरण के अनुरूप खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में एक्सपर्ट चीतो के बाड़ों के पास बने एक मचान में से उनपर नजर बनाए हुए है. संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश कुमार वर्मा ने मंगलवार को पीटीआई -भाषा को बताया कि ये पांच मादा और तीन नर चीते 30 से 66 महीने की उम्र के हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा है और वो विशेषज्ञों की निरंतर निगरानी में हैं.
750 वर्ग किमी में फैला कूनो नेशनल पार्क
उन्होंने कहा कि फ्रेडी, एल्टन, सवाना, साशा, ओबान, आशा, सिबली और सैना नाम के आठ चीते छह बाड़ों में रह रहे हैं और ये एक माह तक यहां रहेंगें. विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान 750 वर्ग किमी इलाके में फैला है और इसका नाम यहां की कूनो नदी पर रखा गया है.
नामीबिया से लाए गए थे चीते
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,000 किलोमीटर दूर इनके मूल स्थान नामीबिया से लाए गए इन चीतों को शनिवार को केएनपी के पृथकवास के बाड़ों में छोड़ा था. भारत में 1952 में विलुप्त हो चुके इस जानवर को फिर से देश में बसाने के लिए प्रोजेक्ट चीता के तहत ये प्रयास किए जा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि नए घर में चीतों के भव्य स्वागत कार्यक्रम और चीतों की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करने के बाद अफ्रीकी विशेषज्ञों के दल के कुछ सदस्य वापस चले गए हैं.
केएमपी में रूकी नामीबिया की टीम
मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) उत्तर कुमार शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चीतों को यहां लाने वाली पशु चिकित्सक डॉ एना विंसेंट और नामीबिया के दो अन्य विशेषज्ञ फिलहाल केएनपी में रह रहे हैं. जबकि टीम के अन्य सदस्य लौट गए हैं. डीएफओ वर्मा ने कहा कि शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ जितेंद्र जाटव और डॉ ओंकार आंचल नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ चीतों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं.
50 और 100 मीटर की दूरी से एक्सपर्ट रख रहे नजर
उन्होंने आगे कहा कि, विशेषज्ञ बाड़ों से 50 से 100 मीटर की दूरी पर स्थित एक मचान से चीतों की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें आसपास के क्षेत्र में मानव की उपस्थिति महसूस ना हो. मचान पर्दे से ढका हुआ है और एक छेद से चीतों की आवाजाही देखी जा रही है.उन्होंने कहा कि नामीबियाई टीम चीतों के लिए स्वास्थ्य किट भी लाया है. उनका कहना था कि यहां पार्क प्रबंधन के पास पर्याप्त किट उपलब्ध हैं और चीतों की निगरानी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक योजना तैयार की गई है।
तीन दिन में एक बार भोजन करते हैं चीते
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में ट्रांसफर करने के पहले और बाद में एक-एक महीने के लिए अलग रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार उन्हें भैंस का मांस खिलाया जा रहा है और सभी चीते अपने नए घर में उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले एक अधिकारी ने पहले बताया था कि भारत आने के बाद पहली बार चीतों को रविवार शाम को भोजन दिया गया था. माना जाता है कि ये जानवर तीन दिनों में एक बार भोजन करता है.
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