Madhya Pradesh News: पुरुषों की नपुंसकता संबंधी समस्या का समाधान अब जल्द ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) स्थित एम्स में होने जा रहा है. ऐसा रिसर्च भारत में पहली बार होने जा रहा है जिसके लिए देश के चुनिंदा रिसर्च केंद्रों में से भोपाल के एम्स का चयन किया गया है. इसके अंतर्गत प्रारंभिक तौर पर भोपाल में 100 पुरुषों पर क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मिल गई है. ट्रायल में सम्मिलित होने वाले पुरुषों को विशेष प्रकार की एक दवा दी जाएगी जो कि स्पर्म काउंटिंग को लेकर शरीर में काम करेगी. साथ ही किस प्रकार से स्पर्म काउंटिंग को बेहतर बनाया जा सके इसको लेकर रिसर्च के दौरान प्रयास किया जाएगा.


इसके साथ ही रिसर्च के दौरान दवा का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है यह भी बारीकी से जांच किया जाएगा. इसी के अंतर्गत प्रति व्यक्ति का 10 लाख रुपये का बीमा भी करवाया जाएगा. अभी तक रिसर्च के लिए 6 मरीजों ने  अपनी स्वीकृति देकर रजिस्ट्रेशन कराया है. एम्स के डॉक्टरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय की दिनचर्या के चलते 25 साल से लेकर 45 साल आयु वर्ग के पुरुषों में नपुंसकता की समस्या बढ़ने लगी है, जिसके कारण वह पिता नहीं बन पाते हैं. इस समस्या का सबसे मुख्य कारण पुरुषों में स्पर्म काउंटिंग का कम होना है. सामान्यता एक पुरुष में औसतन 20 मिलियन से स्पर्म काउंट कम होने पर क्वालिटी खराब होने पर समस्या उत्पन्न होती है. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए ही भोपाल में इस पहल को प्रारंभ किया गया है.


क्या कहा एम्स के डायरेक्टर ने?
इस संबंध में जब एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिंह से एबीपी न्यूज ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि देश के चुनिंदा रिसर्च केंद्रों में से केवल एम्स का चयन इस क्लिनिकल ट्रायल के लिए हुआ है. इसके दौरान हम विभिन्न प्रकार की समस्याओं का पता लगाने का प्रयास करेंगे और इसका फायदा देशभर के पुरुषों को होगा. इस प्रक्रिया का चुनाव लगभग पिछले 2 साल से चल रहा था. इसके बाद भोपाल एम्स का चयन इस अनुसंधान में विभिन्न प्रकार की हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है. 



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