Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की कमान भारतीय जनता पार्टी ने मोहन यादव को सौंपी है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम के ऐलान ने सभी को चौंका दिया, लेकिन इससे भी ज्यादा उनका मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का सफर चौंकाने वाला रहा. बीजेपी कार्यालय में विधायक दल की बैठक के दौरान नवनिर्वाचित विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ था. इस फोटो सेशन में डॉ. मोहन यादव पीछे की कतार में बैठे नजर आए थे. इस दौरान शायद किसी को या फिर खुद मोहन यादव को अंदाजा रहा होगा कि पार्टी उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. 


इस फोटो सेशन में पहली लाइन में बीजेपी के बड़े नेता बैठे हुए थे, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और प्रह्लाद सिंह पटेल समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. वहीं पहली और दूसरी लाइन को छोड़कर तीसरी लाइन में मोहन यादव बैठे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव हाई कमान के सामने रखा था. इसके बाद विधायक दल की बैठक में यादव के नाम पर मुहर लगा दी गई. वहीं मोहन यादव ने जब मध्य प्रदेश के नए सीएम के लिए अपना नाम सुना तो उन्हें कुछ देर तक यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन इस एलान के साथ ही मोहन यादव ने सीएम पद तक पहुंचने की रेस में सबको पीछे छोड़ दिया था. 


माने जाते हैं संघ के करीबी
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. उन्हें संघ का करीबी माना जाता है. वह शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे. वह 2013 में पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2018 में उन्होंने दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव जीता. मार्च 2020 में शिवराज सरकार के दोबारा बनने के बाद जुलाई में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था. दो जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सूबे की राजनीति में उनका कद बढ़ा. 


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