Madhya Pradesh  Parshuram Jayanti: परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) के बहाने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने ब्राम्हण मतदाताओं को लुभाने के लिए कई घोषणाएं की हैं. मंदिरों के पुजारियों को 5000 रुपये मानदेय के साथ भगवान परशुराम का पाठ स्कूलों में पढ़ाने की बात सीएम शिवराज ने कही है. उन्होंने ये भी कहा कि संस्कृत (Sanskrit) की पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने का निर्णय भी सरकार ने लिया है. सीएम चौहान ने भोपाल (Bhopal) में गुफा मंदिर में आयोजित अक्षयोत्सव में भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा की प्रतिष्ठा कर अनावरण किया और कहा कि अब से मध्य प्रदेश के स्कूलों में परशुराम के चरित्र का पाठ भी शामिल किया जाएगा. 


पुजारियों को दिया जाएगा मानदेय 
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिन मंदिरों की जमीन नहीं है, उनके पुजारियों को 5 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन मंदिरों के पास अधिक भूमि है, उनके पुजारियों के लिए भी मानदेय की व्यवस्था करेंगे. जमीनों की नीलामी का अधिकार पुजारियों के पास रहेगा. मंदिर की संपत्ति सुरक्षित रहे इसके लिए समिति बनाएंगे. कार्यक्रम में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज (Swami Avdheshanand Giri Maharaj) भी उपस्थित थे.




संस्कृत की पढ़ाई करने वालों के दी जाएगी स्कॉलरशिप
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र है 'सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास'. इसी रास्ते पर चलते हुए सामान्य वर्ग आयोग बनाया गया है. निर्धनों को संबल सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. संस्कृत की पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी. उन्होंने कहा कि,"सनातन परंपरा कभी छूट नहीं सकती, लेकिन राजधर्म भी जरूरी है. इसलिए समाज कल्याण के लिए संस्कृत के विद्वान जरूरी हैं. हम संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती लगातार कर रहे हैं. मैं पाठ्यक्रम समिति को निर्देश दूंगा कि परशुराम जी के चरित्र का पाठ कोर्स में शामिल किया जाए".


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