मध्य प्रदेश के शराब महकमे की एक आला अधिकारी को एक लाख बीस हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया है. मामला उमरिया जिले का है, जहां मंगलवार (29 अगस्त) को जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को शराब ठेकेदार से 1 लाख 20 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने पकड़ा. इस दौरान आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता ने रिश्वत की रकम फेंककर भागने का प्रयास भी किया लेकिन लोकायुक्त का ट्रेप कामयाब रहा.


बताया जाता है कि उमरिया के शराब ठेकेदार निपेंद्र सिंह द्वारा लोकायुक्त एसपी रीवा को शिकायत की थी कि जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता द्वारा शराब जब्ती का झूठा केस न बनाने के एवज में रिश्वत मांगी जा रही थी. रिनी गुप्ता द्वारा उसे बहुत दिनों से बहुत परेशान किया जा रहा था. लोकायुक्त संभाग रीवा के पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ ने इस शिकायत का सत्यापन कराया तो वह सही पाई गई. 


लोकायुक्त कार्यालय रीवा की ओर से बताया गया है कि उमरिया की जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता द्वारा ठेकेदार निपेंद्र सिंह से 30 हजार रुपए प्रति महीना और इसी हिसाब से पिछले 4 महीने की कुल बकाया रकम 1 लाख 20 रुपए की डिमांड की गई थी.


इसके प्रारम्भिक प्रमाण मिलने के बाद लोकायुक्त द्वारा ट्रेप की प्लानिंग की गई.मंगलवार शाम 4 बजे संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता को शराब ठेकेदार से 1 लाख 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ट्रेप दल ने पकड़ लिया. इस दौरान बचने के लिए रिनी गुप्ता ने रुपए फेंक दिए थे. इसके बाद लोकायुक्त टीम ने आबकारी अधिकारी को हिरासत में लेकर कार्रवाई की. रिश्वत की रकम भी जब्त कर ली गई. ट्रेप दल में प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक, प्रमेंद्र कुमार निरीक्षक सहित 12 सदस्यीय टीम शामिल थी.


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