MP Loudspeaker News: मध्य प्रदेश में एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठा है. यहां मंदिर-मस्जिद पर स्पीकर के जरिए ध्वनि प्रदूषण को लेकर फिर से बहस छिड़ने लगी है. दरअसल, साल 2023 में सीएम मोहन यादव की सरकार ने नॉइस पल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए कुछ निर्देश जारी किए थे. उस समय भी राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी, अब फिर से आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने इस मामले पर फिर से लोगों का ध्यान केंद्रित किया है. 


GAD में पदस्थ एडिशनल सेक्रेटरी शैलबाला मार्टिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए मंदिरों में लाउड स्पीकर का मुद्दा उठाया. एक वरिष्ठ पत्रकार के सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी की, जिसमें मस्जिदों के सामने तेज आवाज में डीजे बजाने पर बात की गई थी. इस पर सवाल करते हुए आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने सवाल किया- "मंदिरों पर लगे लाउड स्पीकर, जो आधी-आधी रात तक बजते हैं, उनसे किसी को डिस्टर्बेंस नहीं होता?"


वरिष्ठ पत्रकार के पोस्ट में क्या था?
सीनियर जर्नलिस्ट डॉ. मुकेश कुमार ने एक्स पोस्ट में लिखा था, "तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अज़ान की आवाज़ें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने से परेशानी क्यों होना चाहिए? लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और गंदी नारेबीज़ी बंद हो जाएगी? नहीं होगी. फिर किसी और बहाने से ये सब किया जाएगा क्योंकि इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रुकने नहीं देगी."


उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए लिखा, "मुसलमानों को समझदारी दिखाते हुए एक मौक़ा डीजेवादियों को देना चाहिए। मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा लें. खुदा तो वैसे भी सुन लेगा, क्योंकि वह बहरा नहीं है."


IAS अधिकारी ने पहले भी डीजे पर उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने इससे पहले भी सोशल मीडिया पर नॉइस प्रदूषण का मुद्दा उठाया था और भोपाल के चार इमली इलाके का जिक्र करते हुए कहा था कि वहां तेज आवाज में डीजे के साथ झांकियां निकाल रही थीं. उस इलाके में मंत्री और पुलिस कमिश्नर भी रहते हैं. हालांकि, झाकियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई. 


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