मानसून में देरी के बीच किसानों को खास सलाह, अभी न करें बुआई, जानें क्या होगा सही समय
Farmers News: मानसून में देरी के बीच किसानों को सलाह दी गई है कि 4 इंच बारिश होने के बाद ही बीज बोएं. आज प्रदेश के 6 जिलों में हवा और आंधी बारिश का रेड अलर्ट है.
Farmers News: मध्य प्रदेश में इस बार मानसून ने आने में देरी कर दी है. सामान्यत: 15 जून तक मानसून अपनी दस्तक दे देता है, लेकिन इस बार अब तक मानसून नहीं आया है. मानसून में हो रही देरी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 4 इंच बारिश के बाद ही किसान अपने खेतों में बोवनी करें. इधर प्रदेश में प्री मानसून की एक्टिविटी जारी है, आज भी प्रदेश के 6 जिलों में हवा आंधी बारिश का रेड अलर्ट है.
मौसम विभाग के अनुसार मानसून अभी एक ही जगह पर स्थिर है, आगे नहीं बढ़ रहा है, जिसकी वजह से प्रदेश में मानसून आने में देरी हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो-तीन दिन में मानसून अपनी दस्तक दे सकता है. इधर प्रदेश में प्री मानसून का दौर जारी है. प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है, जिसकी वजह से बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने आज भी प्रदेश के जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले में हवा आंधी बारिश का रेट अलर्ट जारी किया है.
इन जिलों में भी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, दमोह, पन्ना, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर, देवास, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर, रायसेन में भी बारिश हो सकती है.
गर्मी का सितम भी जारी
इधर प्रदेश में प्री मानसून की एक्टिविटी के बाद भी कई शहरों में गर्मी का सितम भी जारी है. इन शहरों में तापमान 40 डिग्री के पार ही चल रहा है. सोमवार को प्रदेश का चित्रकूट सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री रिकार्ड किया गया. जबकि पृथ्वीपुर में 45.7, ग्वालियर 45.1, सतना, 44.9, बिजावर, 44.8, खजुराहो, 44.4, सिंगरौली, 44.0, शिवपुरी, 43.0, सीधी 42.8 और शहडोल में अधिकतम पारा 42.6 डिग्री दर्ज किया गया.
किसानों को विशेष सलाह
मानसून में हो रही देरी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की है. कृषि वैज्ञानिकां के अनुसार मानसून आने के बाद जून के आखिरी या जुलाई के दूसरे सप्ताह तक का समय बोवनी के लिए उपयुक्त है. 4 इंच बारिश होने के बाद ही बोवनी करें. किसान 23 जून के बाद धान की नर्सरी के लिए खेत तैयार कर लें.
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