Jabalpur News: सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रदेश की पहली जीपीएफ लोक अदालत में दो सौ से ज्यादा मामलों का समाधान ऑन द स्पॉट किया गया. प्रधान महालेखाकार मध्यप्रदेश की टीम द्वारा मौके पर ही उनकी शिकायतों का समाधान किया गया. सामान्य भविष्य निधि (GPF) से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए यह लोक अदालत जबलपुर के मानस भवन स्थित स्मार्ट सिटी के सभागार में आयोजित की गई थी.


इस लोक अदालत में एक हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए. ज्यादातर आवेदन कटौती के बाद भी जीपीएफ खाते में प्रविष्टि न होने, गलत प्रविष्टि और कटौतियों से संबंधित थे. सभी आवेदनों का समाधान एक-दो माह के भीतर किया जायेगा. प्रधान महालेखाकार लेखा एवं हकदारी, द्वितीय मध्यप्रदेश ग्वालियर की पहल पर आयोजित की गई थी. वहीं जीपीएफ लोक अदालत में बड़ी संख्या में शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी अपनी जीपीएफ संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचे थे.


प्रधान महालेखाकार की पहल पर लगी लोक अदालत
जीपीएफ की समस्याओं का समाधान के लिए पहुंचे शासकीय सेवकों की बड़ी संख्या को देखते हुए टोकन बांटे गये और सभी की समस्याओं को बारी-बारी से सुना गया. लोक अदालत में 850 टोकन बांटे गये जबकि 204 शासकीय सेवकों ने अपने आवेदन प्रधान महालेखाकार की टीम को सौंपे. जीपीएफ लोक अदालत में पहुंचे लगभग सभी शासकीय कर्मचारियों ने लोक अदालत लगाकर उनकी समस्या का समाधान करने की प्रधान महालेखाकार की इस पहल की जमकर सराहना की और इसके लिए प्रधान महालेखाकार के साथ जबलपुर पहुंची टीम को धन्यवाद दिया.


ये अधिकारी रहे मौजूद
जीपीएफ लोक अदालत में आई समस्याओं का समाधान करने प्रधान महालेखाकार गीताली तारे अपनी टीम के सदस्यों के साथ मौजूद थीं. टीम में वरिष्ठ लेखा अधिकारी बीडी टेरक एवं रमेश मेंदीरत्ता, सहायक लेखा अधिकारी राकेश जोनवाल एवं केदार मीणा तथा सहायक पर्यवेक्षक ए.के. कुलश्रेष्ठ एवं एस.के. साहू शामिल थे.


ये भी पढ़ें-