MP Board Exam: एमपी बोर्ड की परीक्षाओं पर शिक्षा मंत्री परमार ने किया बड़ा एलान, इन तारीखों के बीच हो सकते हैं एग्जाम
MP Board Exam date 2023: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, प्रायोगिक परीक्षायें 13 से 28 फरवरी 2023 एवं सैद्धान्तिक परीक्षायें 01 मार्च से 31 मार्च 2023 तक होंगी.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Minister Inder Singh Parmar) ने राज्य बोर्ड की दसवीं-बारहवीं की परीक्षा से जुड़ा बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करके बताया कि ये परीक्षायें 1 से 31 मार्च के बीच होंगी. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board of Secondary Education) के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए शुक्रवार को परीक्षा से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अब फरवरी की बजाय मार्च में होंगी. इस संबंध में बोर्ड ने संशोधित आदेश जारी किया है और स्कूल शिक्षा मंत्री परमार (School Education Minister) ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
क्या कहा मंत्री परमार ने
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक, बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर ही आयोजित की जा रही हैं. इस बार फरवरी महीने से ही छात्र-छात्राओं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं ली जा रही हैं. प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बाद मार्च से ही बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी. माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षायें 13 से 28 फरवरी 2023 और सैद्धान्तिक परीक्षायें 01 मार्च से 31 मार्च 2023 तक आयोजित की जाएंगी.
मंडल द्वारा परीक्षा के संबंध में विस्तृत समय-सारिणी जल्द घोषित किया जाएगा. दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा में तकरीबन 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल होंगे. माना जा रहा है कि विद्यार्थियों के हित में यह फैसला लिया गया है. फरवरी तक अधिकांश स्कूलों में कोर्स कंप्लीट होने में शक है. ठंड में स्कूलों की समय सारिणी प्रभावित होती है.
सदस्यों ने किया था विरोध
बता दें कि मंडल ने 3 अक्टूबर 2022 को हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की बोर्ड परीक्षा की तारीख घोषित कर दी थी. प्रायोगिक परीक्षाएं 13 फरवरी से 25 मार्च 2023 के बीच और सैद्धांतिक परीक्षाएं 15 फरवरी से 20 मार्च 2023 के बीच होनी थीं. इन तारीखों के ऐलान के बाद से ही वार्षिक परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होने पर बोर्ड के सदस्यों ने विरोध किया था. उनका कहना था कि फरवरी में परीक्षाएं शुरू होने से विद्यार्थियों को पढ़ने का समय नहीं मिल पाता है और इसका पूरा असर छात्रों और रिजल्ट पर पड़ता है. इसी विरोध के बाद परीक्षा की तिथियों में फेरबदल किया गया.