MP News: नरेंद्र कुशवाह की बढ़ीं मुश्किलें, BSP उम्मीदवार को धमकाने के मामले में कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
Bhind News: कोर्ट ने पूर्व विधायक के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट मामले में ग्वालियर और भिंड एसपी को निर्देश पत्र जारी किए हैं. उन्हें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वारंट को गंभीरता से लिया जाए.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) जिले से बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह (Narendra Singh Kushwaha) मुश्किलों में फंसते दिख रहे हैं. उनके खिलाफ स्थानीय अदालत ने बुधवार (27 दिसंबर) को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. विधायक कुशवाह पर आरोप है कि वह साल 2015 में जिला पंचायत वार्ड-एक बाराकलां से बसपा प्रत्याशी बाबूराम जामौर को अपनी गाड़ी में जबरदस्ती बैठाकर ले गए थे. उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार को चुनाव नहीं लड़ने के लिए धमकाया और उनके साथ मारपीट की थी.
इस मामले में बीजेपी एमएलए कुशवाह को बुधवार को ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. उनकी ओर से हाजिर वकील ने कोर्ट को बताया कि कुशवाह तबीयत खराब होने की वजह से भोपाल में हैं. वहां उनका इलाज चल रहा है. वकील ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल किए जाने की बात भी कही, लेकिन कोर्ट ने इस पर सख्ती दिखाते हुए विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.
कोर्ट ने एसपी को दिए ये निर्देश
कोर्ट ने पूर्व विधायक के खिलाफ जारी हुए गिरफ्तारी वारंट की तामील करवाने के लिए ग्वालियर और भिंड एसपी को निर्देश पत्र जारी किए हैं. उन्हें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मामले में जारी किए गए वारंट को गंभीरता से लिया जाए और तत्कालीन पूर्व विधायक कुशवाह की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए. इस मामले में बाबूलाल जमोर ने साल 2015 में नरेंद्र सिंह कुशवाह के खिलाफ केस दर्ज कराया था. मामले में चार आरोपी बनाए गए थे, जिसमें बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह भी शामिल हैं. हालांकि, बुधवार को विधायक कुशवाह के वकील ने हाजिरी माफी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कोर्ट ने उसे अस्वीकार कर दिया. अब उन्हें 8 जनवरी 2024 को अगली पेशी पर कोर्ट में हाजिर होना होगा.
क्या है पूरा मामला?
अभियोजन के मुताबिक साल 2015 में पंचायत चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी बाबूराम जामौर घटना के दिन जिला पंचायत के लिए फार्म भरकर आए और कैंटीन में वकील के साथ चाय-काफी पी रहे थे. इसी दौरान कार में तत्कालीन पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह आए और उन्हें अपने पास बुलाया. चूंकि कार में उनके साढ़ू केशव सिंह भी थे, तो वह भरोसे में चले गए. जैसे ही वह गाड़ी में बैठे वैसे ही गेट बंद कर गाड़ी चला दी गई. वह चिल्लाए कि यह तो धोखा है, लेकिन उन्हें गाड़ी से अज्ञात जगह ले जाया गया. यहां पूर्व विधायक ने उनसे बात करते हुए उन्हें धमकाया. कुछ समय उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा फिर किसी का फोन आने पर उन्हें छोड़ दिया.