MP News: चुनावी साल में उज्जैन के लोगों के लिए गुडन्यूज़! दो महीने बाद घरों में सप्लाई होगा नर्मदा का पानी
Ujjain News: चुनावी साल में नर्मदा का पानी भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में नल से आने वाला है. इसे लेकर टेंडर दे दिया गया है. दो महीने के अंदर पेयजल सप्लाई को लेकर बड़े दावे किए जा रहे हैं.
Ujjain News: चुनावी साल में नर्मदा नदी का (Narmada River) का पानी धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में लोगों के घरों में सप्लाई होगा. इसे लेकर काम शुरू हो गया है. भोपाल (Bhopal) की कंपनी 2 महीने में टेंडर पूरा करने का दावा कर रही है. अभी तक नर्मदा का पानी बड़े धार्मिक आयोजनों के अवसर पर शिप्रा नदी में ही मिलाया जाता था. धार्मिक नगरी उज्जैन में नगरी निकाय से लेकर लोकसभा तक सारे चुनावों तक में नर्मदा शिप्रा लिंक योजना को लेकर बड़े-बड़े दावे होते आए हैं.
राजनीतिक मंचों से यह भी दावा किया गया था कि नर्मदा शिप्रा लिंक योजना के जरिए उज्जैन में लोगों के घरों तक नर्मदा नदी का पानी पहुंचाया जाएगा. अब चुनावी साल में यह दावा साकार रूप ले रहा है. पीएचई के उपयंत्री मनोज खरात के मुताबिक, लोगों के घरों में नर्मदा का पानी सप्लाई करने के लिए सरकार ने टेंडर निकाला है, जिसके तहत पीएचई के गऊघाट प्लांट तक नर्मदा की लाइन डाली जा रही है.
40 एमएम का पाइप जोड़ रही है कंपनी
उन्होंने बताया कि 800 मीटर की लाइन डालने के बाद नर्मदा के जल का पीएचई गऊघाट से कनेक्शन हो जाएगा. इस योजना को मूर्त रूप लेने में दो महीने का वक्त लग सकता है. भोपाल की आदि इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दो महीने में कार्य पूर्ण करने का टेंडर दिया गया है. नर्मदा की लाइन को 40 एमएम के पाइप के जरिए गऊघाट से जोड़ा जा रहा है. गऊघाट के जरिए ही प्लांट से उज्जैन में पेयजल सप्लाई होता है. उपयंत्री मनोज खरात ने बताया कि पाइप लाइन जोड़ने के लिए एक करोड़ 88 लाख रुपये का टेंडर हुआ है. 800 मीटर का पाइप लाइन कनेक्शन होने के बाद सीधे नर्मदा का जल गऊघाट प्लांट तक पहुंच जाएगा, जिसके बाद उसे शहर में सप्लाई किया जाएगा.
उज्जैन में गंभीर डेम से होती है पानी की सप्लाई
बता दें धार्मिक नगरी उज्जैन में गंभीर नदी पर 1992 के पहले सिंगल गंभीर डेम बनाया था. उस समय उज्जैन की आबादी पांच लाख के आसपास थी, जो वर्तमान में बढ़कर 10 लाख से अधिक हो गई है. गंभीर डेम से ही उज्जैन में पेयजल सप्लाई होता है. गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है. यहां गर्मी के दिनों में हर साल पानी का संकट गहराता है. इस बार भी एक दिन छोड़कर पेयजल सप्लाई किया जा रहा है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि नर्मदा से लाइन जोड़ने के बाद पेयजल की कमी काफी हद तक कम हो जाएगी.