MP News: मध्य प्रदेश में बंद होंगे अहाते और शॉप बार, नई आबकारी नीति पर उमा भारती का असर
MP Excise Policy: शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने धार्मिक संस्थान, गर्ल्स हॉस्टल और सभी प्रकार की शैक्षणिक संस्थानों के आसपास शराब की दुकानों का दायरा 50 मीटर से बढ़ाकर 100 मीटर करने का फैसला लिया है.
MP Cabinet Decision: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में नई शराबनीति (New Excise Policy of Madhya Pradesh)को मंजूरी दी गई. नई नीति में शिवराज सरकार ने प्रदेश के सभी अहाते और शॉप बार बंद करने का फैसला किया है. प्रदेश में इनकी संख्या करीब 2611 है. मध्य प्रदेश की नई शराब नीति एक अप्रैल 2023 से लागू होगी. मध्य प्रदेश की नई मध्य प्रदेश की नई शराब नीति पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Ex CM Uma Bharti)के विरोध-प्रदर्शन का असर देखा जा सकता है.
नई आबकारी नीति में क्या बदला है
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बार में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शराब को हतोत्साहित करने के लिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार लगातार कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि 2010 से आज तक मध्य प्रदेश में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली गई है, जबकि कई बंद की गईं हैं. नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान प्रदेश में 64 दुकानें बंद की गईं. इस वर्ष भी आबकारी नीति में शराब को हतोत्साहित किया गया है.
मध्य प्रदेश में 2022-23 में आबकारी विभाग ने 13 हजार 500 करोड़ राजस्व का अनुमान लगाया था,इसमें से जनवरी 2023 तक नौ हजार करोड़ के करीब राजस्व मिल चुका है. नई शराब नीति 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी.नई शराब में नीति में प्रदेश के सभी शराब के अहाते बंद करने का फैसला किया गया है. अब प्रदेश में कोई अहाता नहीं चलेगा. अहातों के अलावा सभी शॉप बार भी बंद किए जाएंगे. मदिरा की दुकानों पर बैठ कर किसी को भी शराब पीने की इजाजत नहीं होगी.
स्कूलों और धार्मिक जगहों के पास शराब की दुकान
शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने फैसला लिया है कि धार्मिक संस्थान, गर्ल्स हॉस्टल और सभी प्रकार की शैक्षणिक संस्थानों के आसपास शराब की दुकानों का दायरा 50 मीटर से बढ़ाकर 100 मीटर किया जा रहा है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश की करीब 200 के करीब दुकानें प्रभावित होंगी. अभी प्रदेश में 3608 शराब की दुकानें हैं. सरकार ने शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने का फैसला किया है. इसके अलावा शराब के नशे में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों की सजा को भी बढ़ाने पर विचार किया गया है.
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती प्रदेश में शराब बंदी की मांग पिछले कई सालों से कर रही है. उन्होंने कई बार इसको लेकर आंदोलन भी किया. उन्होंने शराब की एक दुकान पर पत्थरबाजी भी की थी. वो ओरक्षा में शराब की दुकानों को लेकर काफी मुखर हैं. उमा भारती ने नई शराब नीति को लेकर तीन दिन भोपाल के अयोध्या बायपास स्थित मंदिर में प्रवास भी किया था.
उमा भारती का शराबबंदी अभियान
उमा भारती ने शिवराज सरकार को नई शराब नीति के लिए सुझाव भी दिए थे. इसमें अहाते बंद करने, धार्मिक, शैक्षणिक संस्थानों के आसपास से शराब दुकानों की दूरी का दायरा बढ़ाने,शराब दुकानों के आगे उससे होने वाले दुष्परिणामों के होर्डिंग लगाने समेत अन्य सुझाव शामिल थे. उनकी इन मांगों का असर शिवराज सिंह चौहान की सरकार की नई शराब नीति पर दिख रहा है.
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