Madhya Pradesh News: मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government)  द्वारा सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में एंबुलेंस की खस्ता हालत और मिलीभगत के चलते निजी एंबुलेंस भी कार्य कर रही है. एंबुलेंस माफिया पर मध्य प्रदेश में कई बार कार्रवाई भी की गई मगर कुछ नतीजा नहीं निकला. हालांकि उज्जैन संभाग में जिला प्रशासन और पुलिस महकमा का ध्यान गया है. मंदसौर में एसपी अनुराग सुजानिया के निर्देश पर एक एंबुलेंस भी जब्त की गई.


क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है. मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर साल दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस सरकारी अस्पतालों के लिए खरीदी भी जाती है, लेकिन सरकारी व्यवस्थाओं के बीच एंबुलेंस माफिया भी मध्य प्रदेश में तेजी से पैर पसार चुका है. एंबुलेंस माफिया की सक्रियता के चलते कई मरीजों के साथ प्रतिदिन ठगी की वारदात हो रही है.


सबसे बड़ी बात यह है कि एंबुलेंस का संचालन भी गैरकानूनी रूप से किया जा रहा है. उज्जैन के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय ने बताया कि एंबुलेंस का संचालन करने के लिए उसका क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीयन कराना बेहद आवश्यक है. बिना पंजीयन के एंबुलेंस का संचालन गैरकानूनी होता है. ऐसी स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत 10,000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है. इसके अलावा आईपीसी की धाराओं में भी कार्रवाई की जा सकती है.


इसलिए सक्रिय है एंबुलेंस माफिया
सरकारी अस्पतालों की कई एंबुलेंस की हालत खराब है. ऐसी स्थिति में जब मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है, तो एंबुलेंस की आवश्यकता होती है. इसका फायदा निजी एंबुलेंस संचालक उठाते हैं. खास बात यह है कि निजी अस्पतालों से कमीशन के रूप में मोटी रकम भी मिल जाती है. इसी वजह से मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में सरकारी के साथ-साथ कई निजी एंबुलेंस भी लगातार चल रही है.


इस प्रकार उठा सकते हैं सरकारी सुविधा का लाभ
मध्य प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है. इसके लिए 108 पर सूचना करनी होती है. सभी अस्पतालों में चिकित्सक और सिविल सर्जन के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी एंबुलेंस को सतत सर्विलेंस पर रखते हैं. यदि किसी अस्पताल में एंबुलेंस माफिया सक्रिय होकर मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ नहीं पहुंच रहा है तो वे सीधे 181 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.


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