MP News: मध्य प्रदेश में नाबालिग से रेप के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी ने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग को हवस का शिकार बनाया था. नाबालिग के माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. केस का फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कृत्य माफी योग्य नहीं है.
रवीन्द्र कुमार शर्मा द्वितीय अपर सत्र न्योयाधीश तहसील नसरूल्लागंज जिला सीहोर द्वारा अभियुक्त 24 वर्षीय सचिन ग्राम बालागांव थाना नसरूल्लागंज को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 500-500 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है. विशेष लोक अभियोजक शिरीष उपासनी के अनुसार, 8 वर्षीय नाबालिग तीसरी कक्षा में पढ़ती है. लगभग 10-12 दिन पहले उसके गांव का सचिन आया और उसे 20 रूपये देकर अपने साथ ले गया. जहां उसने नाबालिग से रेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. आरोपी सचिन कई बार नाबालिग को 10-20 रुपये देकर अपने साथ ले जाता था. मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी देता था.
पीड़ित के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत
एक रोज आरोपी नाबालिग से जबरदस्ती कर रहा था. वो चिल्लाई तब उसका भाई वहां पहुंच गया और आरोपी सचिन वहां से भाग गया. जिसके बाद नाबालिग ने अपने परिजनों को सारी सच्चाई बताई. परिजनों ने थाना भैरूंदा में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सचिन को गिरफ्तार कर लिया. न्यायाधीश रविन्द्र कुमार शर्मा द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क साक्षीगण की साक्ष्य एवं दस्तातवेजी साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए अभियुक्त को दोषी पाया.
आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी भी नाबालिग के साथ इस तरह की घटना न केवल घटना के समय बल्कि उसके पश्चात उनके संपर्णू जीवन को प्रभावित करती है. अभियुक्त द्वारा बिना माता-पिता की नाबालिग के साथ बार-बार लैंगिक हिंसा की गई है. आरोपी के कृत्य को देखते हुए दंड के मामले में उसके प्रति कोई उदारता बरती जाना उचित नहीं है. ऐसे में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
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