Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की सेंट्रल जेल में मादक पदार्थों की सप्लाई को मामला कई बार सामने आ चुके है, लेकिन अब बच्चा जेल में भी नशे का सामान सप्लाई किया जा रहा है. इसका खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश के रतलाम में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस उस आरोपी की तलाश कर रही है जो बाल संप्रेक्षण गृह में नशे का सामान सप्लाई कर रहा था. दरअसल, रतलाम जिले के बिरियाखेड़ी में बाल संप्रेक्षण गृह स्थित है, यहां पर बच्चों को सुधारने के लिए रखा जाता है. अपराधिक मामलों में लिप्त बच्चों को यहां एनजीओ और शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण देकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया जाता है, लेकिन विगत दिवस यहां के दो लड़कों के बीच जमकर विवाद हुआ.
इस विवाद की शिकायत जब अधीक्षक हरजिंदर अरोरा के पास पहुंची तो पता चला कि नशे की हालत में बाल संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध दोनों लड़के आपस में झगड़ लिए थे.इस मामले में हरजिंदर सिंह अरोरा ने औद्योगिक थाना पुलिस रतलाम में एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि बाल संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने आने वाले सुमित वर्मा नामक प्रशिक्षक ने रुपयों के लालच में बाल संप्रेक्षण में सिगरेट और शराब मुहैया कराई थी, जिसके बाद नशे में लड़कों के बीच झगड़ा हुआ था. इस मामले में औद्योगिक थाना पुलिस रतलाम ने सुमित वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. फिलहाल, अभी सुमित वर्मा फरार है.
अभी और भी आरोपी बढ़ेंगे-पुलिस
औद्योगिक थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा के मुताबिक अभी आरोपियों की संख्या और भी बढ़ सकती है. इस संबंध में विवेचना की जा रही है. बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों के बयान भी लिए जा रहे हैं, ताकि स्पष्ट रूप से पता चल सके कि उन्हें किन-किन माध्यम से नशा उपलब्ध कराया जा रहा था? बताया जाता है कि बाल संप्रेक्षण गृह के चौकीदार और अन्य कर्मचारियों द्वारा बिना तलाशी के प्रशिक्षक और अन्य लोगों को अंदर आने दिया जा रहा था, जिसका लाभ उठाते हुए नशे का सामान अंदर पहुंचा दिया गया.
पिता और दोस्तों से मंगवाए ऑनलाइन पैसे
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि नशा करने के लिए लड़कों ने अपने परिवार वालों को भी गुमराह किया. एक लड़के ने अपने पिता से खानपान की सामग्री मंगवाने के नाम पर ऑनलाइन मंगवाए. इसके अलावा दूसरे लड़के ने अपने मित्र से ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करवाई. यह राशि सुमित वर्मा द्वारा बताए गए नंबरों पर ट्रांसफर करवाई जाती थी.