MP News: मध्य प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने को लेकर जन सुनवाई की डेट तय, यहां पढ़ें पूरी डिटेल
MP: अभी 00 से 50 यूनिट तक 4.13 रुपये प्रति यूनिट, 51 से 150 तक 5.05 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक 6.45 रुपये प्रति यूनिट और 300 से ज्यादा यूनिट पर 6.65 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल है.
MP Electricity News: मध्य प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के लिए जन सुनवाई की डेट तय कर दी गई है. पूर्व विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर (Jabalpur) में 23 जनवरी, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी, ग्वालियर (Gwalior) में 24 जनवरी और मध्य क्षेत्र करीब विद्युत वितरण कंपनी भोपाल (Bhopal) में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी. फिलहाल, बिजली दर में 3.20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने आगामी वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारित करने के लिए लगाई गई टैरिफ पिटीशन में 300 से अधिक के स्लैब को समाप्त करने का प्रस्ताव प्रस्तावित किया है. इसके कारण छोटे उपभोक्ताओं पर अधिक भार पड़ने की संभावना है.
जानकारी के अनुसार प्रदेश में तीन से अधिक वाले करीब पांच लाख उपभोक्ता हैं. ये उपभोक्ता अब 150 से 300 यूनिट की स्लैब में आ जाएंगे. वहीं 150 से 300 यूनिट की खपत करने वाले करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा. यहां बता दें कि प्रदेश में लगभग सवा करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, इसमें से करीब 10 लाख छोटे उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है. जानकारी के अनुसार एमपीपीएमसी ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को आगामी वर्ष की बिजली दर निर्धारण की टैरिफ पिटीशन सौंपी है. इसमें बिजली दर में औसत 3.20 प्रतिशत बढ़ेतरी का प्रस्ताव है.
अभी कितने रुपये यूनिट है बिल
वर्तमान में बिजली की दर 00 से 50 यूनिट तक 4.13 रुपये प्रति यूनिट, 51 से 150 तक 5.05 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक 6.45 रुपये प्रति यूनिट और 300 से ज्यादा यूनिट पर 6.65 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल आता है. आयोग द्वारा बिजली की प्रस्तावित नई दर की जनसुनवाई के लिए पिछले गुरुवार को सूचना जारी कर दी गई है. पूर्व विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर में 23 जनवरी, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी, ग्वालियर में 24 जनवरी और मध्य क्षेत्र करीब विद्युत वितरण, भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी. जनसुनवाई के बाद मार्च में आयोग नए वित्तीय वर्ष के लिए दर निर्धारित करेगा. ये दरें एक अप्रैल से लागू होने की संभावना है.
याचिका के मुताबिक आगामी वर्ष में बिजली कंपनियों को 49,530 करोड़ के राजस्व की जरूरत होगी, लेकिन उसे 47,992 करोड़ का राजस्व ही मिलेगा. प्रस्तावित हानि 1,537 करोड़ रुपये की होगी. इसको पूरा करने के लिए बिजली दरों में औसत रूप से 3.20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की अनुमति आयोग से मांगी गई है.