जबलपुर: विद्युत नियामक आयोग पर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन करने का आरोप लगा है. जन अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने आरोप लगाया है कि विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में जो बिजली टैरिफ बढ़ाने की याचिका स्वीकार की है. वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है.मंच ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की बात भी कही है.


किस बात पर है आपत्ति


यहां बता दें कि मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा हाल ही में बिजली कंपनियों की नई टैरिफ याचिका स्वीकार करते हुए विद्युत दरों को बढ़ाने पर जन सुनवाई की तारीख तय की है.कहा जा रहा है कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश का पालन न करते हुए जन सुनवाई के फैसला किया है. दरअसल,उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉक्चटर पीजी नजपाण्डे का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 23 नवंबर को एक आदेश पारित करते हुए सभी राज्यों के नियामक आयोग को स्पष्ट निर्देश जारी किए थे. इसमें कहा गया था कि आदेश जारी होने के 3 माह के भीतर विद्युत अधिनियम की धारा 61 और राष्ट्रीय बिजली नीति तथा राष्ट्रीय ट्रांसमिशन नीति को ध्यान में रखते हुए विद्युत दरों के निर्धारण के लिए रेगुलेशन बनाई जाएं.मंच का कहना है कि इस आदेश को दरकिनार करते हुए मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बगैर नए नियम बनाए बिजली के रेट निर्धारित करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है.साथ ही बिजली कंपनियों द्वारा पेश की गई टैरिफ याचिका को स्वीकार कर लिया है.


बिजली कंपनियों की याचिका


नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि बिजली कंपनियों द्वारा आयोग को प्रस्तुत याचिका में रेट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.इसमें ट्रांसमिशन शुल्क को 4335 करोड़ दर्शाया है. इसे कुल खर्च 45 हजार 698 करोड़ में जोड़ दिया गया है.ट्रांसमिशन खर्च की गणना पूर्व के नियमों के तहत कर दी गई जबकि यह गणना सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देशों के तहत की जानी थी.


मध्य प्रदेश की तीनों सरकारी बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा दर्शाते हुए इसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में वृद्धि की मांग की गई है. कहा जा रहा है कि यह पूरी प्रक्रिया गलत है.नागरिक उपभोक्ता मंच द्वारा इस आशय का एक नोटिस भी विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है,जिस पर संतोषजनक जवाब या कार्रवाई ना होने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जल्द ही एक जनहित याचिका दायर की बात कही गई है.


मध्य प्रदेश में बिजली की दरें


यहां बताते चलें कि मध्य प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के लिए जनसुनवाई की डेट तय कर दी गई है.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर में 23 जनवरी,पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी,ग्वालियर में 24 जनवरी और मध्य क्षेत्र करीब विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई करेगी. फिलहाल बिजली दर में 3.20 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव है.


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