Madhya Pradesh News: नींबू के भाव आसमान से धीरे-धीरे जमीन पर उतर रहे हैं, लेकिन अब हरी मिर्ची ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. मिर्ची के भाव धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रहे हैं. ऐसे ही चलता रहा तो मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों की रसोई से मिर्ची भी गायब हो जाएगी. इन दिनों हरी मिर्च खेरची में ₹100 किलो तक पहुंच गई है.
गौरतलब है कि नींबू के भाव पिछले दिनों ₹400 प्रति किलो तक पहुंच गए थे. अब धीरे-धीरे नींबू के भाव उतरने शुरू हो गए हैं. व्यापारी शरीफ भाई के मुताबिक महाराष्ट्र और अन्य प्रदेश से नींबू की जोरदार आवक हो रही है, इसलिए अब नींबू थोक में ₹160 किलो तक बिक रहा है, जबकि खेरची में ₹200 किलो बेचा जा रहा है. नींबू से थोड़ी राहत मिलने से लोगों को अभी पूरा सुकून भी नहीं मिला था और मिर्ची के भाव धीरे-धीरे आसमान की ओर पहुंच रहे हैं.
'हरी मिर्च के स्थान पर लाल मिर्च का उपयोग अधिक हो रहा'
मिर्ची व्यापारी अमजद खान के मुताबिक हरी मिर्च की आवक अभी कम हो रही है इसलिए इसके भाव थोक में ₹70 प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि खेरची में हरी मिर्च ₹10 की 100 ग्राम मतलब ₹100 किलो बिक रही है. मिर्ची के भाव बढ़ने की वजह से इसकी बिक्री पर भी असर पड़ा है. अब लोग पहले जितनी मात्रा में मिर्ची नहीं खरीद रहे हैं. इसके अलावा हरी मिर्च के स्थान पर लाल मिर्च का उपयोग अधिक हो रहा है.
गरीबों के पास कोई विकल्प नहीं
सब्जी खरीदने पहुंची रंजना सिंह ने बताया कि गरीबों के पास कोई विकल्प नहीं है. नींबू के भाव नीचे उतरते हैं तो मिर्ची के भाव ऊपर चले जाते हैं. ऐसी स्थिति में हरी मिर्च भी रसोई से धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. उन्होंने यह जरूर बताया कि अभी शिमला मिर्ची के भाव कम है. शिमला मिर्च ₹40 किलो तक बिक रही है, इसलिए हरी मिर्च के स्थान पर शिमला मिर्च का उपयोग अधिक हो रहा है. हालांकि हरी मिर्च सब्जी में अति आवश्यक सामग्री है, इसलिए थोड़ी मात्रा में जरूर खरीदनी पड़ रही है.
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