Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस यानी HIV के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सूचना के अधिकार (RTI Act 2005) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में पता चला है कि सुई के जरिए फैलने वाले एचआईवी संक्रमण के मामले में मध्य प्रदेश 1768 मामलों के साथ छठें नंबर पर है. यह आंकड़े इस ओर भी इशारा कर रहे हैं कि राज्य में ड्रग्स की खपत भी तेजी से हो रही है.


आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार साल 2020-21 में कम से कम एख शख्स सुई के जरिए एमपी में एचआईवी के संपर्क में आया. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जानकारों का मानना है कि सुई से एचआईवी फैलने की सबसे बड़ी वजह एक ही सीरिंज से ड्रग्स का इस्तेमाल करना हो सकता है.


नीमच निवासी चंद्र शेखर गौड़ द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांग गई जानकारी के तहत नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने बताया कि साल 2011-12 से लेकर साल 2020-21 के दौरान सुई से एचआईवी संक्रमण फैसले के 45,864 मामले सामने आए.


यूपी, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा का क्या है हाल?
आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो बीते 10 सालों में मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली में 5841, उत्तर प्रदेश में 5,569, हरियाणा में 1062, महाराष्ट्र में 916, छत्तीसगढ़ में 874, गुजरात में 554, राजस्थान में 501, उत्तराखंड में 491, असम में 467, चंडीगढ़ में 407, बिहार में 340, झारखंड में 44, जम्मू-कश्मीर में 37 मामले सामने आए.


वहीं मिजोरम में 4906, मणिपुर में 2594, कर्नाटक में 586, पश्चिम बंगाल में 566, त्रिपुरा में 537, नागालैंड में 465, आंध्रप्रदेश में 379, ओडिशा में 279, तमिलनाडु में 227, मेघालय में 206, केरल में 151, तेलंगाना में 87, हिमाचल प्रदेश में 56, गोवा में 15, अरुणाचल प्रदेश में आठ, सिक्किम में तीन और दमन और दीव एवं पुडुचेरी में दो-दो लोग संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एड्स की चपेट में आए..


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