Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में हु्क्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, ये है शिवराज सरकार का प्लान
MP: बिल पास होने के बाद बिना किसी वारंट के पुलिस न केवल गिरफ्तार करेगी, बल्कि तुरंत कार्रवाई भी करेगी. वहीं इसमें कार्रवाई का अधिकार पुलिस में सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में चल रहे 200 से ज्यादा हुक्का बार जल्द ही बंद होंगे. शिवराज सरकार 13 दिसंबर को अगली कैबिनेट मीटिंग में हुक्का बार बंद करने का बिल ला रही है, जिसे मंजूरी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा. दरअसल, इस बिल के लागू होते ही राज्य में चल रहे हुक्का बार पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश में चल रहे हुक्का बार के खिलाफ शिकायत आने पर बिना किसी वारंट के पुलिस गिरफ्तार करेके तुरंत कार्रवाई करेगी.
आपको बता दें इसमें कार्रवाई का अधिकार पुलिस सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है. शिकायत मिलने पर वे तुरंत हुक्का बार जाकर सामान जब्त करेंगे और शिकायत दर्ज करेंगे. इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुक्बाका बार बंद करने का प्दरावधान है. अब मध्य प्रदेश पांचवां राज्य होगा, जहां हुक्का बार बंद करने का प्रावधान लागू होगा. मध्य प्रदेश सरकार भी दूसरे राज्यों की तरह केंद्र के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन अधिनियम-2003 में संशोधन करके हुक्का बार बिल ला रही है.
इन राज्यों में जुर्माना और सजा का प्रावधान
दरअसल, गुजरात और महाराष्ट्र में हुक्का बार को लेकर अधिकतम तीन साल की सजा का नियम है. अब मध्य प्रदेश में भी यही किया गया है. इसमें कम से कम सजा 1 साल और अधिकतम 3 साल की जेल होगी. इसके साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माना रखा है. वहीं गुजरात में जुर्माना 10 हजार से 50 हजार रुपये तक है. इन सब नियमों को मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाएगा.
फिलहाल, मध्य प्रदेश में हुक्का बार को बंद करने का अभी कोई प्रावधान नहीं है. पुलिस कार्रवाई करती है तो इसका संचालन करने वाले अदालत से स्टे ले आते हैं. मध्य प्रदेश में लंबे समय से इस पर रोक लगाने की तैयारी चल रही थी, अब इसे अमल में लाया जा रहा है. इससे पहले कई राज्यों को राष्ट्रपति से मंजूरू मिल चुकी हैं, इसलिए मध्य प्रदेश को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है.