Madhya Pradesh News: इंदौर में निगम चुनाव हुए 6 माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है. इसमे कांग्रेस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के सामने हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी में भीतरघात के आरोप लगते आए हैं. इसी कड़ी में निगम चुनाव में पार्टी की तरफ से पार्षद चुनाव लड़ने वाले एक पुराने कार्यकर्ता द्वारा पार्टी के ही वरिष्ठ नेता पर भीतरघात कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.
दरअसल, इंदौर के विधानसभा पांच अंतर्गत वार्ड नंबर 37 से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े प्रत्याशी ने एक गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस के प्रत्याशी रहे दीपचंद पंचोली ने एबीपी न्यूज को बताया कि वो विगत चार दशक से कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता हैं और इंदौर के कांग्रेसी नेता सत्यनारायण पटेल के करीबी हैं. सत्यनारायण पटेल द्वारा ही उन्हें पार्षद का टिकट दिलवाया गया था.
वहीं महिला वार्ड होने के कारण टिकट उनकी पत्नी के नाम से दिया गया था. टिकट मिलने के बाद सत्यनारायण पटेल के पीए हरी ओम शर्मा और मिथलेश जोशी ने चुनाव खर्चे के लिए उनसे पहले 10 लाख रुपये लिए और फिर महापौर प्रत्याशी से मिले 2.5 लाख भी उनसे ले लिए और एक लाख रुपये का चेक भी लिया. इसके बाद उनको बोला गया था कि ये पैसे उनके चुनाव में खर्च होंगे पर इसके बाद उन्हें ना कोई सहयोग मिला ना चुनाव में इन लोगों ने कोई पैसा खर्च किया.
वहीं पंचोली ने बताया कि उनके साथ हुए इस भीतरघात के कारण वह चुनाव बुरी तरह से हार गए. इसके बाद ये बार-बार हरी ओम शर्मा और मिथलेश जोशी से मिलने का प्रयास करते रहे और पैसों का हिसाब मांगते रहे पर कोई जवाब नहीं आया. अब इन दोनों ने पंचोली का फोन उठाना भी बंद कर दिया है.
कार्यकर्ता ने पार्टी आलाकमान से की शिकायत
पंचोली ने सत्यनारायण पटेल को भी कई बार संपर्क किया पर वो भी इनकी बात अनसुनी करते रहे. परेशान होकर कांग्रेस के इस जमीनी कार्यकर्ता ने अपना दुख जाहिर कर दिया. पंचोली ने बताया कि लोगों से कर्ज लेकर उन्होंने ये रकम जुटाई थी जो अब अपना मकान बेचकर चुकानी पड़ रही है. इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत पंचोली ने पार्टी आलाकमान के साथ इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल से भी की गई है.
वहीं जब इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल से उनके पास आई इस तरह की शिकायत के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर बात की गई तो उन्होंने इस विषय पर बाद में बात करने का कहकर बात फोन रख दिया. गौरतलब है की इस तरह पार्टी के कार्यकर्ता के द्वारा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा रहा है. अब देखना है कि पार्टी आलाकमान जिम्मेदारों पर कार्रवाई करता है या हमेशा की तरह मामला रफा दफा कर दिया जाएगा.