Madhya Pradesh News: संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur) इन दिनों राम मय हो गई है. दुनिया भर के श्री रामचरितमानस के मर्मज्ञ जबलपुर में जुटे हुए हैं. दरअसल, तीसरी वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस का आयोजन जबलपुर के मानस भवन प्रेक्षागृह में शुरू हुआ है, जिसमें कुल 15 देशों से जुड़े विषय के जानकार और रामायण के अलग-अलग भाषाओं में लेखन और प्रसार में अपना विशेष योगदान देने वाली हस्तियां शिरकत कर रही हैं. वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और श्रीलंका के संस्कृति मंत्री रविदुरा विक्रमनाइके शामिल हुए. जबकि उद्घाटन सत्र में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअल तरीके से जुड़े.


वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में ज्ञान, भक्ति समेत रामायण पर विशेष योगदान देने वाले उन तमाम हस्तियों का समागम देखने को मिला जो राम और उसके महत्व से देश दुनिया को परिचित करा रहे हैं. तीन दिवसीय इस महामंथन में शुरुआती सत्र में थाईलैंड, त्रिनिदाद, मॉरीशस, श्रीलंका, इंडोनेशिया, यूएसए के रामायण पर शोधकर्ताओं ने अपने अपने विचार रखे. वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज सभी के रोम-रोम में राम बसते हैं और रामायण दुनिया के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है.


सुधांशु त्रिवेदी ने किया झांकी का अवलोकन
रामायण अद्भुत है और रामायण में सबके कर्तव्य निहित किए गए हैं. उन्होंने आशा जताई कि इस कार्यक्रम के माध्यम से शांति एकता और भाईचारे का संदेश पूरे विश्व में जाएगा. कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सबसे पहले माता सीता की अयोध्या की झांकी का अवलोकन किया और वहां मौजूद चित्रों को देखकर जानकारी भी जुटाई. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक तौर पर इस प्रकार के आयोजन भारत को विश्व गुरु बनाने में प्रेरणादायक हैं. 


कनाडा से आए रामायण के जानकार
सुधांशु त्रिवेदी का मानना है कि विश्व में श्रेष्ठ मानव मूल्यों पर भगवान श्रीराम पूजे जाते हैं और ऐसे आयोजनों से कोई भी व्यक्ति खुद को संस्कारित कर सकता है. इस आयोजन में देश दुनिया से जानकार शिरकत कर रहे हैं. कनाडा से आए रामायण के जानकार जेफरी आर्मस्ट्रांग ने बातचीत में रामायण का एक दोहा संस्कृत में सुनाया और कहा कि कोई भी धर्म रंगभेद और जाति से ऊपर होता है. वह भले ही क्रिश्चियन के रूप में पैदा हुए है, लेकिन आज भी खुद को एक गौरवशाली हिंदू मानते हैं.



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