Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. लोकायुक्त पुलिस ने MANIT परिसर में प्रोफेसर और मीडिएटर को रिश्वत के डेढ़ लाख रुपयों के साथ रंगे हाथों पकड़ा है. प्रोफसर व मीडिएटर ने मेडिकल वेस्ट प्लांट को पास करने के नाम पर सात लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की पहली रकम डेढ़ लाख रुपये देते ही लोकायुक्त ने दोनों को धर दबोचा है.


जानकारी के अनुसार भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने MANIT संस्थान में प्रोफेसर और स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमिटी में रसायन विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक मित्तल और उनके कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्र को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. आरोपियों ने बावड़िया कलां निवासी प्रमिला रिछारिया से उनके शिवपुरी स्थित निर्माणाधीन मेडिकल वेस्ट प्लांट को पास करने के नाम पर सात लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. 


12 को थी शिकायत, 15 को कार्रवाई
बता दें कि बावड़ियांकलां निवासी प्रमिला रिछारिया ने इस रिश्वत मामले की शिकायत 12 जनवरी को लोकायुक्त से की थी. लोकायुक्त पुलिस ने मामले की सत्यता को परखने के बाद 15 जनवरी को कार्रवाई को अंजाम दिया. रिश्वत के रूप में बातचीत करने पर डेढ़ लाख रुपये में सौंदा तय हुआ था. रविवार को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी कंसलटेंट गोपी कृष्ण मिश्र और प्रोफेसर आलोक मित्तल को रिश्वत की राशि डेढ़ लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया. इस कार्रवाई को लोकायुक्त ने मैनिट कैंपस में ही अंजाम दिया है. वहीं इससे पहले लोकायुक्त पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर मध्य प्रदेश के पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी के घर छापा मारा. प्रारंभिक जांच में 10 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की संपत्तियों का खुलासा हुआ था.



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